चीन के अधिकारीक मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स के अनुसार मात्र एक टिक-टोक बैन होने से टिक-टोक को चलाने वाली कंपनी बाइटडांस को होने वाले नुकसान की कीमत 6 बिलियन डॉलर तक जा सकती है,
यह समाचार उन क्रिस्लामोकॉमियों को ध्यान से देखना चाहिए जो कह रहे थे कि "चीन के मात्र कुछ ऐप बंद करने से चीन का क्या होगा ?"
और जो बुद्धिजीवी यह रोना रो रहे थे कि "टिक टॉक ने भारत के आपदा राहत कोष में 30 करोड़ रूपए दान दिए थे",
तो भैया उससे कहीं अधिक पैसा टिक टॉक ने भारत से कमाया था, और जो पैसा उसने दान भी किया था वह कोई अकेले का नहीं था, बल्कि टिक टॉक ने कैंपेन चलाकर अपने यूजर से दान करने के लिए कहा था और वह उन्हीं यूजर द्वारा दान किया गया कलेक्टिव अमाउंट था जो टिक टॉक ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दान किया।