प्रीतम कुमार झा's Album: Wall Photos

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मां नर्मदा की मूर्ति, मकर वाहिनी मंदिर जबलपुर।
बहुत आधुनिक बन गए हैं हम लोग विकसित हो गए हैं हम लोग एक भी इस प्रकार का मूर्ति बना दे एक कीर्ति बना दें आधुनिक उपकरण से आज के सारे उपकरण तो विद्युत संचालित है ।
एक भी मूर्ति इतनी सुंदर कलाकृति बनवा दे तो मान लेंगे कि विज्ञान विकसित हुआ है ।
वैसे हमें यह सब बताए नहीं जाते वामपंथी इतिहासकार कहते हैं
भारत में मुगल ना आते तो हमें जंगली कहा जाता अंग्रेज ना आते तो हमें खाना खाने का भी ज्ञान ना होता।इतिहास पढ़ो अपना जागृत करो राष्ट्र,
नहीं जागृत हो पाए तो खत्म हो जाएगा राष्ट्र
वैसे भी हम कहां से कहां आ गए पूरे विश्व पर थे सिर्फ भारत के कुछ राज्यों में बचे हैं
( जंबू दीपे, आर्यावर्त ,भारतखंडे ,अमुक प्रांत अमुक शर्मा हम , अमुक-अमुक गोत्रम अपने पर बाबा बाबा पिता का नाम लेकर संकल्प करें ) मंत्र में कभी भी किसी भी व्यक्ति का उपनाम नहीं है टाइटल सभी व्यक्ति को शर्मा हम बोला जाता था आर्यवर्त में रहने वाले हर व्यक्ति का टाइटल शर्मा होता था और सभी का गोत्र और स्थान यह कब टाइटल उपनाम आ गया पता नहीं चला सिंह ,पांडे मिश्रा ,दूबे, शर्मा ,महतो ,साव , कब शर्माहम हट गया पता ही नहीं चलाफलाना ढिकाना। और इसी टाइटल ने हमें जाती दिया है।
राष्ट्र पर खतरा मंडरा रहा है भयंकर कुचक्र षड्यंत्र चल रहा है 90% हिंदू कुचक्र को समझ नहीं पाते सिर्फ पीछे पीछे चलते हैं , राष्ट्र खतमू होने से पहले सनातन को बचाइए, अपने इतिहास संस्कृति परंपरा को पढीए , जाति व्यवस्था जो ऊपर उठिए भारत में जाति नहीं थी, भारत के किसी भी ग्रंथ में जाति व्यवस्था नहीं है वर्ण व्यवस्था है वर्ण व्यवस्था खत्म हुई संविधान से और जाति व्यवस्था आई दो हजार से ज्यादा जाती है,
आज जो यह मूर्ति बनाने वाले अछूत हैं वह उस समय पूज्य थे उन्हें मूर्तिकार बोला जाता था
शिल्पकार बोला जाता था आज मूर्तिकार शिल्पकार यह शब्द हटा दिए गए हैं और जितने भी मूर्तिकार हैं वर्तमान में अनुसूचित जाति में आ गए हैं l संविधान ।।
अब आप सोचें जो मूर्ति मूर्तिकार बनाता था जो मंदिर शिल्पकार बनाता था उसी मंदिर में उनकी भी मूर्तियां लगा करती थी और उनकी भी पूजा होती थी तो यह छुआछूत जाति कहां से आई,
मंदिर बनाता था और उनकी मूर्ति मंदिर में पूजा हेतु लगाई जाती थी वह भी भगवान विश्वकर्मा के साथ,तो छुआछूत की परंपरा कब आई क्यों आई कैसे आई यह खुद सोचने का विषय है वामपंथी इतिहास। हमारे मन को दूषित कर रहा है हमारे संस्कृति को दूषित कर रहा है हमारे मन में जाति की भावना लाता है। राष्ट्र के इतिहास को पढ़ें जाति से दूर भागे जब तक जाति खत्म ना होगा तब तक हिंदू सनातन की ओर नहीं लौटेगा हिंदू शब्द ही खुद विदेशियों के द्वारा दिया गया है हमारा धर्म सनातन धर्म है हिन्दू नहीं ।
#अभयमिश्रा