1- अनियंत्रित प्रजनन दर।
2- हरे की दीवानी हैं, 'मक्का' इन्हें पसंद है।
3- रेगिस्तान इनका उत्पत्ति स्थान है।
4- टिड्डियों में भी सबसे खतरनाक प्रजाति होती है रेगिस्तानी टिड्डी लेकिन इनके प्रजनन से उत्पन्न टिड्डियां इनसे भी ख़तरनाक होती हैं जो भारत में पाई जाती हैं।
5- दिन में औसतन 5 बार उड़ती हैं।
6- सिर्फ विनाश करती हैं, इनका निर्माण में कोई योगदान नहीं है।
7- शांतिदूत होने का दावा करती, हैं आवाज सुनके उड़ जाती हैं।
8- जहाँ भी पल भर के लिए भी बस जाएं उसी जगह को बर्बाद कर देती हैं अर्थात कृतघ्न होती हैं और जिस जगह ने इनको आश्रय दिया उसी को बर्बाद कर देती हैं।
9- एक बार कायर की तरह भाग जाती हैं; परंतु मौका मिलते ही पुनः आक्रमण कर देती हैं।
10- चीन में घुसने की औकात नहीं है इनकी। उधर नहीं जाती हैं।
11- DJ की आवाज सुनके भाग जाती हैं अर्थात गीत संगीत हराम है इनको।
12- कोई थाली बजाता है तो भाग जाती हैं, शायद इन्हें लगता है कि वो 'मोदीभक्त' है जो मोदीजी के कहने पर थाली बजा रहा है अर्थात मोदी की घोर विरोधी प्रतीत होती हैं।
13- वैज्ञानिक दृष्टिकोण की घनघोर कमी होती है; इसलिए किसी भी तेज आवाज को भूकंप के समान मानती हैं।
14- मादा टिड्डी कुछ ज्यादा ही ढंकी रखती है अपने आपको।
15- दारू के छिड़काव से भी नष्ट हो जाती हैं अर्थात दारू हराम है।
16- झुण्ड में हमला करती हैं और अपने आप को शेर बताती हैं, अकेले में ये 'रामजी का घोड़ा' बन जाती हैं।
17- सारे संसार को टिड्डिस्तान बनाने का सपना देखती हैं परन्तु प्रायः कुचल दी जाती हैं।
18- इन्हें कोई भी पसंद नहीं करता तो भी ये लगातार घुसपैठ करने की फ़िराक़ में रहती हैं।
19- सब लोग चाहते हैं कि संसार से इस टिड्डीदल का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए ताकि संसार में प्रेम और शान्ति की फसल सुरक्षित रह सके।
20- टिड्डियों के लिए 2020 वर्ष बहुत घातक है क्योंकि किसान इनपर बड़े पैमाने पर कीटनाशक छिड़ककर इनका विनाश करेंगे।
कितनी ग़लत बात है न... यहां टिड्डियों की बात की जा रही है और आपकी खोपड़ी कहीं और जा रही है.... अरे भाई! ये उतनी भी ख़तरनाक नहीं हैं.... ये केवल अन्न खाती हैं, वतन नहीं.... ये चारा खाती हैं, देश नहीं खा जाती.....!!