प्रीतम कुमार झा's Album: Wall Photos

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हाथी मरा पर अपने पीछे कुछ सवाल छोड़ गया।
सवाल कि ऐसा कौन सा पटाखा भारत में बनने लगा है जो प्रेशर से फटता है और हाथी जैसे विशालकाय "इंसान" का जबड़ा फाड़ देता है।

नैरेटिव सेट करने वाले खबरी दलालों ने ऐसा जाल बिछा डाला की सबको हथिनी का बच्चा दिखा पर अनानास बम नही। दोषी कौन है क्या है कोई नहीं जनता।अब सरकार द्वारा फ़ाइल क्लोज करने को एक दो अधिकारियों को ससपेंड किया जाएगा और अपराधी को नाबालिग दिखाया जाएगा जिससे ना कोई बम बनाने की गम्भीरता की ओर देखेगा और जिसपे ट्रायल के लिए हाथी को चुनने का कोई आरोप भी नही लगेगा। हो सकता है ये भी बताया जाए की हाथी हिंसक था और उसे मारना आवश्यक था। पर अनानास जैसे ठोस फल को खोखला कर उसमे बारूद भरना किसी नादान का काम तो बिल्कुल भी नहीं है।

खैर हथिनी और उसका रूप ले चुका बच्चा मर गया ।हमने भी अपनी भड़ांस बकैती करके निकल ली। बम बनाने वाला भी अपने बम की ताकत और तकनीकी का सफल परीक्षण करके खुश होगा और आत्म रक्षा के लिए किये आविष्कार पे मुग्ध होगा ।

बस मैं ही एक डरा हुआ सोच रहा हूँ कि भारत के सबसे ज्यादा हिंसक जिले में बड़ी साजिशों की प्रयोगशाला तो तैयार नहीं हो रही,जो आने वाले समय में थैलियों में मौत बांटेगी।

एक डरे हुए हिन्दू की कलम से