अगर हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाये गए ये अद्भुत मंदिर नहीं होते तो वामपंथी इतिहासकारों ने मुस्लिम लीग रूपी पार्टी के साथ मिलकर हमें अब तक विश्वास ही दिला दिया होता कि हमारा इतिहास मुगलों और अंग्रेजों से ही शुरू हुआ है।
गुरुकुल और संस्कृत भाषा को तो गर्त में पहुंचा ही दिया है।