प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

Photo 71 of 3,082 in Wall Photos

#महामानवों_की_संस्कृति

भारत को संसार ने "विश्व गुरु" की उपाधि उसके महान विज्ञान, गणित, भूगोल, चिकित्सा, अध्यात्म और अद्भुत वास्तुकला आदि के कारण दिया था यद्यपि हमने और आक्रांताओं ने मिलकर पूर्वजों की रचित महान धरोहरों को नष्ट किया है पर आज भी उस महान सभ्यता की कल्पना और गौरव करने के लिए कुछ अवशेष शेष हैं .....

ऐसी ही वास्तुकला की महान रचना
गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर है
इसमें
ना केवल उनके द्वारा बनाये गये स्तंभो की नक्काशियाँ आज सबको चकित करती हैं बल्कि स्तंभों के प्रत्येक पट्टिकाओं द्वारा दिये गये संदेश भी आज के लोगों के लिए समझ से परे है ।

१) घटा पट्ट - श्री गणेश या श्री लक्ष्मी निवास करते हैं

२) सिंहमुख पट्ट- वीरता और साहस का प्रतिनिधित्व करता है

३) द्वारपाल पट्ट - मंदिर में पीठासीन देवता के संरक्षक मौजूद हैं

४) वादका / वादकी पट्ट - संगीतकार देवता की श्रद्धा में गीत गाते हैं।

५) अवतार पाट्टा - पीठासीन देवता के विभिन्न अवतारों को दर्शाता है

६) कलिका पट्ट - मोक्ष प्राप्त करने की हर किसी की क्षमता को इंगित करता है।

७) खंडिका पट्ट - ध्वनि के माध्यम से इस ब्रह्मांड की अपूर्णता, क्षणिक निर्माण को दर्शाता है।

८) देव गण पट्ट - देवत्व के सभी अच्छे पात्रों का मिलन

९) गंधर्व पट्ट - वज्र की अविनाशीता को इंगित करता है।

१०) कीर्तिमुख पट्ट - कीर्तिमुख अपने गुरु महादेव के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

११) कुम्भिका / पूर्णकुंभ - सबसे ऊपर पानी का बर्तन।

१२) सिरसा - यह दर्शाता है कि वजन उठाने में इसका उतना ही महत्व है जितना मनुष्य के सिर का उसके शरीर के लिए कार्य करना ।

(मोढेरा सूर्य मंदिर, गुजरात)

।। जय श्रीराम ।।