वेटिकन के पॉप मोहदय ने कैथोलिक ईसाईयों की मांग को मानते हुए वेटिकन में “एंटाइटल्ड एक्सॉर्सिज़म एंड द प्रेयर ऑफ़ लिबरेशन कोर्स २००५ में आरम्भ किया इसकी फ़ीस २४,००० रुपये है।
यह कोई साधारण कोर्स नही है यह कोर्स भूत-प्रेतों को मानव शरीर से निकलने, घर-मकान-दुकान आदि भवनों को कीलित करने तथा इसी तरह के जादू-टोने से संबंधित है इन प्रथाओं का कैथोलिक ईसाई समुदाय में आरम्भ से ही प्रचलन रहा है जिसे लंबे समय तक अवैज्ञानिक मानते हुए वेटिकन सहित विश्व के हर बड़े ईसाई बुद्धिजीवी ने अस्वीकार किया।
विज्ञान भी अब भूत-प्रेत जैसी बातों को स्वीकार करने लगा है पहले मनोविज्ञान के नाम पर तो अब वो खुलकर पेरानॉर्मल विज्ञान के नाम पर इन बातों को स्वीकार कर रहा है।
कोर्स के आरंभ होते ही ५० से अधिक देशो के लगभग २५० पादरी जादू-टोना सीखने वेटिकन पहुँचे थे।
इसलिए जादू-टोने पर भारत में लगने वाला कानून इन पर प्रभावी होता है या नही यह सत्ता व न्याय विभाग का उत्तराधिकार है....