प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

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हमारे इतिहास को इन वामपंथीयो ने मिलकर इन ७० सालों में भारत के इतिहास के असली पन्ने कैसे फाड़े ओर क्या क्या जोड़ा देखिये..!!

१) भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू नही होता बल्कि सरयू तट से शुरू होता है जहाँ महर्षि मनु को अपने मनुष्य होने का ज्ञान हुआ और मानव सभ्यता विकसित हुई।

२) रामायण और महाभारत हिन्दुओ के धर्मग्रंथ हो सकते थे शैक्षिक रूप से ये भारत का इतिहास है, जिन्हें पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया।

३) सिंध को अरबो ने जीता अवश्य था मगर बप्पा रावल ने उन्हें मार मार कर भगाया भी था, मगर सिर्फ अरबो की विजय पढ़ाई जाती है और बप्पा रावल को कहानी किस्सों के भरोसे छोड़ दिया जाता है।

४) व्यवस्था के अनुसार सम्राट पोरस ने सिकन्दर को रोका यह पढ़ाना आवश्यक नही था लेकिन अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलों को रोका ये बात याद से लिखी गयी।

५) बाबर से औरंगजेब तक हर बादशाह के लिये अलग अध्याय है जबकि भारत गौरव शाली भारत पर कुछ नही।

६) मुगलो का १७०७ तक का तो इतिहास बता दिया मगर बड़ी ही चतुराई से उसके बाद सीधे १७५७ का प्लासी युद्ध लिखकर अंग्रेजो को ले आये। इतनी जल्दी क्या थी जनाब, जरा १७३७ में पेशवा बाजीराव द्वारा मुगलो की धुलाई भी पढ़ा देते।

७) १७५७ में मुगल सल्तनत का मराठा साम्राज्य में विलय हो गया था मगर जबरदस्ती उसका अंत १८५७ मे पढ़ाया जाता है। १७५७ से १८०३ मुगल मराठा साम्राज्य के अधीन रहे और १८०३ से १८५७ अंग्रेजो के। १७५७ के बाद कोई मुगल सल्तनत नही थी।

८) पानीपत में मराठो की हार हुई ठीक है मगर ये उनका अंतिम युद्ध नही था वे दोबारा खड़े हुए और अंग्रेजो को भी धो दिया, ये कब पढ़ाओगे??? सिर्फ पानीपत पढ़ा दिया ताकि संदेश यह जाए कि हिन्दुओ ने हर युद्ध हारा है जबकि युद्ध के बाद महादजी सिंधिया ने अफगानों को जमकर कूटा था।

९) जितने कागज बलबन, फिरोजशाह तुगलक और बहलोल लोदी पर लिखने में बर्बाद किये उन कागजो पर महादजी सिंधिया, नाना फडणवीस और तुकोजी होल्कर का वर्णन होना चाहिए था।

१०) भारत ब्रिटेन का गुलाम नही उपनिवेश था।

११) भारत २०० नही १२९ वर्ष ब्रिटेन की कॉलोनी रहा, (१८१८ में मराठा साम्राज्य के पतन से १९४७ में कांग्रेस शासन तक)

१२) आंग्ल मराठा युद्ध १८५७ की क्रांति से भी बड़े थे इसलिए उनका विवरण पहले होना चाहिए मगर गायब है क्योकि बखान टीपू सुल्तान का करना था।

१३) १९४७ में २ राष्ट्रों का उदय नही हुआ बल्कि एक ही का हुआ, हिंदुस्तान सदियों से उदित है और हमेशा रहेगा। ज्यादा सेक्युलर हो तो दूसरे आतंकी राष्ट्र की चिंता करो, नक्शे पर कुछ ही दिन का मेहमान है।

१४) १९६२ में भारत चीन से पराजित हुआ मगर १९६७ में चीन को हराया भी, वो कौन पढ़ायेगा???

१५) सामाजिक विज्ञान में एक पाठ आता है भारत और आतंकवाद, उसमे बड़े बड़े उदाहरण बताए जाते है मगर उनके पीछे का इस्लामिक कारण नही पढ़ाया जाता।

- कुल मिलाकर भारत भूमि के साथ बहुत आघात किया है कोंग्रेस वामपंथी ओर सेकुलर राजनीतिक दलों ने मिलकर, हमारी पीढ़ियों को झूठा इतिहास पढ़ाकर स्वाभिमान शून्य करने का सुनियोजित षड्यंत्र किया गया ७० वर्षो तक स्कूलों में झूठा इतिहास पढ़ा पढ़ा कर हिन्दुओ की तीन पीढ़ियों को स्वाभिमान शून्य कर दिया जिसका खामियाजा आज देश भुगत रहा है हिन्दू देश धर्म और अपने इतिहास से अनजान हो गया ओर यही उद्देश्य था वामपंथीयो का ।