प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

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#यह जानना आवश्यक है की रामायण की

प्रसिद्ध नगरिया

#जैसे अयोध्या, चित्रकूट, किष्किंधा इन सभी का बाद में क्या हुआ? ऐसा इसलिए ताकि हम भी यहूदियों की तरह खुद पर हुए अत्याचारों को याद रखे

१) अयोध्या - श्री राम और रघुवंशियो की राजधानी, सन १२७० में इस पर मुस्लिम आक्रमणकारी बलबन ने आक्रमण किया। बलबन ने अयोध्या के सभी मंदिर नष्ट कर दिये, जिस नगरी में रामराज्य की नींव रखी गयी उसी नगरी के बीच चौराहे पर महिलाओ और बच्चों की आपत्तिजनक स्थिति में नीलामी हुई।

#इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा इन मंदिरों का पुनः निर्माण हुआ।

२) गंगा नदी का तट - यह वो तट था जिसके पास श्री राम ने ताड़का वध करके ऋषियों का उद्धार किया था। सन १७६९ के समय जब अहमदशाह अब्दाली भारत मे घुस गया और भारत के मुसलमानो ने उसे गंगा नदी तक पहुँचाने में मदद की।

#तब मराठाओ को जलाने के लिये अब्दाली ने १,००० गायों का सिर काटकर इसी गंगा नदी में बहाया।

३) चित्रकूट - वनवास के समय श्री राम चित्रकूट में रुके थे जिस पर १२९८ में अलाउद्दीन खिलजी ने कब्जा कर लिया। ५,००० पुरुष मार दिए गए, हजारों स्त्रियों को अलाउद्दीन खिलजी के हरम में भेजा गया और मंदिर नष्ट कर दिए गए।

#१७३१ में राणोजी सिंधिया पुनः इस नगरी का उद्धार किया।

४) नासिक - वह स्थान जहाँ लक्ष्मण जी ने शूर्पणखा की नाक काटी थी तथा जो श्री राम की कर्मभूमि थी। इस पर मुहम्मद बिन तुगलक ने हमला किया, तुलगक ने नासिक में स्थित प्रभु श्री राम द्वारा बनाये गए शिवालय में आग लगा दी और १२ दिनों तक भीषण संहार किया। नासिक वासियों से अपील की गयी कि वे इस्लाम अपना ले या मरने को तैयार रहे।

#बाद में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज ने इन मंदिरों को पुनः स्थापित किया।

५) किष्किंधा - वानरराज महाराज सुग्रीव का राज्य, जो आगे चलकर विजयनगर साम्राज्य कहलाया। १५६५ में तालिकोटा के युद्ध मे विजयनगर साम्राज्य की हार हुई और मुसलमानो ने सारा राज्य जला डाला, आप आज भी गूगल में हम्पी सर्च करे इसका बहुत बड़ा अवशेष आज भी देखने को मिल जाएगा, जो बताता है कि मुसलमानो से पहले भारत कितना भव्य था।

#मगर मजहबी आग ने सबकुछ जलाकर राख कर दिया। बाद में मैसूर के यदुवंशियों ने इसका पुनः उद्धार किया।

इस तरह हमारी रामायणकालीन नगरिया लूटी और दोबारा बनाई गई।

यह अध्याय लिखा जाना आवश्यक है क्योकि अब भी ना जाने कितने ही अब्दाली और गजनवी हिंदुस्तान में है और ढेरों हिन्दू है जिन्होंने अपनी आँखों पर सेक्युलरिज्म की पट्टी बांध रखी है।

#सेक्युलर नही कट्टर हिन्दू बनने की आवश्यकता है क्योंकि जान है तो ही महानता दिखाने के लिये बचे रहोगे।