एक तरफ है पीसा(इटली) की मीनार जो १३७२ ई. में बनकर तैयार हुई, दूसरी तरफ है कंदरिया महादेव मंदिर(मध्यप्रदेश) जो १००३ ई. में बनकर तैयार हुआ।
हमारी वास्तुकला का नमूना देखिए कि पीसा की मीनार समय की मार झेलते-झेलते ८४ डिग्री तक झुक चुकी है और गिरने के कगार पर खड़ी है वहीं उससे ३५० साल पुराना हमारा मंदिर ६ भूकंप सहने के बाद भी दृढ़ता से खड़ा है।।
वामपंथी इतिहासकारों ने इतिहास के नाम पर मात्र हीनभावना ही परोसी है, भारत का इतिहास मंदिरों की दृष्टि से पढ़ा पढ़ाया जाए तो भावी पीढ़ी संस्कृति को लेकर गर्वान्वित हो सकेगी।