प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

Photo 348 of 3,082 in Wall Photos

बिरसा मुंडा को पूरी दुनिया एक ऐसे जननायक के तौर पर जानती है जिसने उलगुलान(क्रांति) की शुरुआत की थी । अंग्रेज जिससे थर्राते थे. वे साल १९०० में ९ जून को दुनिया से विदा हो गए ।

बिरसा मुंडा को भारतीय समाज एक ऐसे नायक के तौर पर जानता है जिसने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था । उलगुलान की शुरुआत करने वाले ये वो शख्स थे जो जननायक के तौर पर इतिहास में दर्ज हो गए । बिरसा मुंडा से अंग्रेजी हुकूमत खार खाती थी । उन्हें गिरफ्त में लेकर २ साल के लिए जेल में डाल दिया गया । उन्होंने अपनी अंतिम सांस साल १९०० में ९ जून की तारीख को ली ।

१. उन्हें साल १९०० में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए गिरफ्तार किया गया और रहस्यमयी परिस्थितियों में रांची जेल के भीतर उनकी मौत हो गई ।

२. उनकी जिंदगी और संघर्ष पर दो फिल्में भी बनीं, पहले गांधी (२००८) और उलगुलान-एक क्रांति (२००४)

३. वे साल १८९७ से १९०० के बीच अंग्रेजों के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध लड़ते रहे. अंग्रेजों ने उन पर उस दौर में ५०० रुपये की इनामी धनराशि रखी थी ।

४. उन्हें युवा छात्र के तौर पर जर्मन मिशन स्कूल में दाखिला दिया गया था और इसी वजह से उनका नाम डेविड पड़ा ।

बिरसा मुंडा का जन्म १८५७ के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा परिवार में हुआ था । मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार में निवास करते थे । बिरसा मुंडा को १९०० में आदिवासी लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें २ साल की सजा हो गई. इस बीच अंग्रेजों द्वारा दिए गए एक जहर के कारण ९ जून १९०० को ही उनकी मौत हो गई ।