प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

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"भविष्य पुराण "में इस्लाम (मुसलमानों) के बारे में "मोहम्मद "के "जन्म " से भी "५ हज़ार वर्ष "पहले ही श्री वेद व्यास जी ने लिख दिया है!
"लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः !"
"उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनोमम !! २५ !!"
"विना कौलं च पश्वस्तेषां भक्ष्यामतामम !"
"मुसलेनैव संस्कारः कुशैरिव भविष्यति !! २६ !!"
"तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो धर्मदूषकाः !"
"इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृतः !! २७ !!"
(भविष्य पुराण पर्व ३, खण्ड ३, अध्याय १,
अनुवाद--"रेगिस्तान" की धरती पर एक "पिशाच" जन्म लेगा जिसका नाम "मोहम्मद" होगा, वो एक ऐसे "धर्म "की नींव रखेगा, जिसके कारण मानव जाति त्राहि माम कर उठेगी !
वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा!
उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी ) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे पर मूँछ नहीं रखेंगे। वो बहुत शोर करेंगे और मानव जाति को नाश करने की चेष्टा करेंगे!
राक्षस जाति को बढ़ावा देंगे एवं वे अपने को मुसलमान कहेंगे और ये असुर धर्म कालान्तर में हिंसा करते करते स्वतः समाप्त हो जायेंगे !
यदि यह श्लोक और इसका अर्थ सत्य है तो मानना पडे़गा कि कम से कम आज के संदर्भ में यह बिलकुल फिट बैठता है विशेषकर आई एस आई, तालिबान और बोको हराम के संदर्भ में।
मुझे आश्चर्य है कि इतना "महत्वपूर्ण ग्रन्थ "जिसमें समय से पहले "सटीक" "स्पष्ट" तथा सत्य "भविष्यवाणियां वेद व्यास जी पाँच हजार वर्ष पहले लिख गए वो आज इतने महान तथाकथित संतों व कथाकारों ने अब तक दुनियाँ वालों को क्यूँ नहीं बताया?
निवेदन है कि कम से कम आप इसे और दुनियाँ के सभी लोगों तक पहुँचाने की कृपा कीजिए।