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शिव पातालेश्वर मंदिर: दूध के साथ झाडू चढ़ाने से दूर होते हैं त्वचा रोग:-

पातालेश्वर मंदिर भारत का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर भगवान शिव को फूल और दूध के साथ झाडू भी चढ़ाई जाती है, लेकिन क्या इसके पीछे क्या कारण है, तो चलिए जानते हैं कहां पर है पातालेश्वर मंदिर और क्या है पातालेश्वर मंदिर की कथा

भगवान हर स्थान पर मौजूद है। इसका प्रमाण कई बार देखने को मिला है। भगवान अपने भक्तों की सभी चीजों को बड़े ही प्यार से स्वीकार कर लेते हैं। भगवान के दर पर जो जैसे आता है भगवान उसे उसी रूप में स्वीकार कर लेते हैं और भगवान शिव तो वैसे भी भोले भंडारी है। वह तो अपने भक्त के सिर्फ एक लोटा पानी चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भारत में भगवान शिव के अनेकों मंदिर हैं। लेकिन भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर भी है जहां पर भक्त न केवल दूध और फूल चढ़ाते हैं। बल्कि झाडू भी चढ़ाते हैं। तो चलिए जानते हैं कहां पर है पातालेश्वर मंदिर और क्या है पातालेश्वर मंदिर की कथा

यह मंदिर है पातालेश्वर मंदिर जो एक छोटे से गांव सदत्बदी में स्थित है। जो मुरादाबाद और आगरा के बीच में स्थित है। भगवान शिव के इस मंदिर में उन्हें कई चीजें अर्पित करते हैं। इतना ही नहीं यहां पर भगवान शिव को झाडू भी चढ़ाई जाती है।

यहां के लोग मानते हैं कि यदि भगवान शिव को झाडू चढ़ाए जाए तो त्वचा संबंधी सभी रोग समाप्त हो जाते हैं। इसलिए इस मंदिर में त्वचा से ग्रसित रोगी अधिक आते हैं। सोमवार के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

क्योंकि सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है। इसलिए सोमवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की बहुत भीड़ लगती है। शिव पातालेश्वर मंदिर में भक्त त्वचा के रोगों की समस्या से छुटकारा पाने और अपनी मनोकामना के पूर्ण होने पर भगवान शिव को झाडू चढ़ाते हैं।

मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर १५० साल पुराना है। लोगों के अनुसार झाडू चढ़ाने की यह परंपरा सदियों पुरानी है। इस मंदिर में भगवान शिव की कोई भी मूर्ति नहीं है। बल्कि मूर्ति के स्थान पर एक शिवलिंग है।

जिस पर दूध और फूल के साथ झाडू भी चढ़ाई जाती है। यहां पर लाखों लोगों सोमवार के दिन अपनी मनोकामना के लिए आते हैं। लोगों के मानना है कि इस मंदिर में ऐसे चमत्कारिक शक्तियां हैं। जिसके कारण त्वचा संबंधी सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

पातालेश्वर मंदिर की कथा

पातालेश्वर मंदिर के पीछे एक कथा भी मौजूद है। जिसके अनुसार एक गांव में एक व्यापारी रहता था। जिसका नाम भिखारीदास था। वह उस गांव का सबसे अमीर आदमी था। लेकिन वह त्वचा के रोग से पीड़ित था।उसके शरीर पर काले धब्बे भी पड़े हुए थे। जिसकी वजह से उसे अत्याधिक पीड़ा होती थी।

इस चमत्कार के पीछे एक कहानी बताई जाती है कि गांव में कभी एक भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था, जो गांव का सबसे धनी व्यक्ति था और वह त्वचा रोग से ग्रसित था। उसके शरीर पर काले धब्बे पड़ गये थे, जिनसे उसे पीड़ा होती थी।

एक बार वह पास के ही एक गांव में एक वैध के पास इलाज जा रहा था कि तभी उसे अचानक से जोर से प्यास लगी और उसे एक आश्रम दिखाई दिया। भिखारीदास उस आश्रम में जैसी ही घुसा। उसी समय सफाई करने वाले महंत की झाडू उससे छू गई। झाडू के छूते ही भिखारीदास का सारा दर्द ठीक हो गया।

जब भिखारीदास ने उस मंहत से इस बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह शिवजी का बहुत बड़ा भक्त है और यह चमत्कार उन्हीं की वजह से ही हुआ है। भिखारीदास ने उस मंहत को इनाम के रूप में सोने की अशर्फियां देनी चाही।

लेकिन उस मंहत ने सोने की अशर्फियां लेने से मना कर दिया और कहा कि यदि तुम मुझे कुछ देना चाहते हो तो इस आश्रम की जगह पर एक शिव मंदिर बनवा दो। इसके बाद भिखारीदास ने उस आश्रम की जगह एक शिव मंदिर बनवा दिया। जिसके बाद लोग इस मंदिर में त्वचा के रोगों के लिए भगवान शिव को झाडू चढ़ाने लगें।

पातालेश्वर मंदिर में आज भी लाखों लोग अपनी त्वचा संबंधी पीड़ा को लेकर यहां पर आते हैं और भगवान शिव को झाडू चढ़ाकर अपनी इस बिमारी से मुक्ति पाते हैं। लेकिन यहां पर भगवान शिव सिर्फ त्वचा संबंधी रोग ही नहीं ठीक करते बल्कि जीवन के सभी दुखों को दूर करते हैं।