प्रदीप हिन्दू योगी सेवक's Album: Wall Photos

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#विचार_करिए :-

पोस्ट में दिख रही #पहली_तस्वीर_शिव_जी की है #किन्तु_दूसरी_तस्वीर_शिवजी की #नहीं है। यह जिस व्यक्ति ने बनाई उसको शर्म आनी चाहिए और आप भी दूसरी तस्वीर का प्रयोग ना करें... अपने आराध्य को पूजने से पहले उनके बारे में पूरा ज्ञान होना ज़रूरी है।

देवो के देव महादेव भगवान शिव का स्वरूप अन्य देवताओं से बहुत अलग है। यही कारण है कि उन्हें देवताओं में विशेष स्थान प्राप्त है।
देवताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से निकला विष भगवान शंकर जी ने संपूर्ण सृष्टि की रक्षा के लिए अपने कंठ में धारण किया था। उस विष के प्रभाव से उनका कंठ और शरीर नीला पड़ गया साथ ही उनका शरीर तपने लगा परंतु फिर भी शिव पूर्णतः शांत थे...
लेकिन देवताओं और अश्विनी कुमारों ने सेवा भावना से भगवान शिव की तपन को शांत करने के लिए उन्हें जल चढ़ाया और #विष का #प्रभाव_कम करने के लिए #विजया (भांग का पौधा), #बेलपत्र और #धतूरे को दूध में मिलाकर भगवान शिव को #औषधि_रूप में पिलाया। तभी से लोग भगवान शिव को भांग भी चढ़ाने लगे।

यह सभी जानते है कि #अधूरा_ज्ञान बहुत #खतरनाक होता है अतः #भगवान्_शिव को #चिलम और #भागं से #जोड़कर कुछ लोग #भक्ति की #आड़ में #नशे को #बढ़ावा देने लगे जो #निंदनीय है।

आप लोगों से निवेदन है कि आपको नशा करना है तो करिए लेकिन खुद को शिव भगत बोलकर चिलम पीना और अन्य नशीले पदार्थो का सेवन करना सरासर ग़लत है। #भोलेनाथ ने #विष_जनकल्याण के लिए #पिया था #मज़े_के_लिए_नहीं.. अतः भक्ति की आड़ में अपने बचाव में #भगवान्_भोलेनाथ को गंजेडी और चरसी बताकर #अपमान_मत_कीजिए।