रेवाड़ी का एक गाँव है #कोसली इस 25-30 हज़ार की आबादी के इलाके को आप #जांबाज़ों_की_नगरी भी बुला सकते हैं..... अब एक गांव जिसने अशोक चक्र, महावीर चक्र, IOM सहित ढेरों वीरता पुरस्कार जीत रखे हों उसे ये नाम देना अनुचित भी नहीं......
इसी गांव के एक बुजुर्ग रिटायर्ड फौजी की मृत्यु
23 मार्च 2017 को हो गयी अब हिंदुस्तानियों की रीत है अपने योद्धाओं को भुलाने की तो कहीं उनको भी न अखबारों ने याद किया न TV वालों ने न सरकारों को सुध आयी....
जिस चीन की पिद्दी सी हरकत पर हमारे पत्रकार न्यूज़ चैनल पर बवाल काटते हैं उनपर ये 92 साल का बुजुर्ग सैनिक मुस्कुरा के सीना चौड़ा कर कह देता था "रहपटा भी न झेला जा है चीनिया तै"
ये कहना मजाक नहीं होता था..... उनके इतिहास की गर्वोक्ति थी ये....
ये रिटायर्ड फौजी थे महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर राव साहब #राय_सिंह_यादव कोसली का ये शेर वीरों की जमात में Nathu La Tiger के उपनाम से जाना जाता था....
2nd ग्रेनेडियर्स का पूर्व कमांडिंग ऑफीसर
जिसने अपनी बटालियन के साथ 1967 मैं चीनियों को वो सबक सिखाया था के चीन के राष्ट्राध्यक्ष को एकतरफा घोषणा करनी पड़ी थी किसी भी स्थिति में चीनी सेना भारतीय सैनिकों पर गोली न चलायें.....
ब्रिगेडियर राय सिंह (तब लेफ्टिनेंट कर्नल) और उनकी बटालियन ने चीनियों की हाथापाई का उत्तर उन्ह पहले ढंग से लतिया कूट के दिया और जब गोलियां चलीं तो चीनियों को अपने सैनिकों की पौने चार सौ से ज्यादा लाशें उठाने को भारत के आगे घुटनों पर आना पड़ा...
इस युद्ध में सर और छाती पर गंभीर घाव लगने के बाद भी लेफ्टिनेंट कर्नल राय सिंह मैदान से नहीं हटे और लगातार अपने जवानों को निर्देश देते रहे..... बेहद सीमित हथियारों के साथ उन्होंने चीनियों को वो सबक सिखाया जो वो न आज तक भूले न भूलेंगे......
इस युद्ध में 2nd ग्रेनेडियर्स और 18 राजपूत के कुल 88 जवानों ने अपने प्राण राष्ट्र के लिए आहूत किये जिनमें मेजर हरभजन सिंह (MVC)भी थे.....
तो जब तक भारतीय सेना के मेजर शैतान सिंह भाटी, मेजर धन सिंह थापा, ब्रिगेडियर राय सिंह यादव, मेजर हरभजन सिंह चीनियों को याद हैं निश्चित रहिये..... उनमें गोली चलाने का दम नहीं!
बाद में इस पूरे घटनाक्रम पर एक फ़िल्म भी बनी पलटन नाम से....... देख सकते हैं अपने योद्धाओं पर गर्व करने को.....!