जी हां यह तस्वीर बिहार की है जहां बाढ़ पीड़ित के नाम पर ₹6000/- खाते में दिया जाता है! सरकार और प्रशासन दोनों से सवाल क्या पैसे देकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है? यह आपदा है आपदा आएगा ही... अगर इस रुपए का सही उपयोग हो अर्थात नहर की जुड़ाव एवं उगाही सही हो, शहरी क्षेत्रों में नाले की सफाई एवं उगाही समय पर हो तो इस आपदा से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है! अब सवाल यह है कि ऐसा नेता या प्रशासन क्यों नहीं करते हैं तो इसका जवाब है... आपदा को अवसर में बदलना हमारे देश के नेता एवं प्रशासन अच्छी तरह से जानते हैं!