कीर्तिसिंह हिंदू Zala's Album: Wall Photos

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भारत में चीन के एजेंट और एजेंट का देशद्रोह ..............

भारत की आजादी के बाद के दौर में नेहरु ने किस तरह चीन के मामले में भारत से गद्दारी की इसका अपना एक लंबा इतिहास है .बाद के दौर में मनमोहन की सोनिया सरकार ने चीन के सामने कैसे आत्मसमर्पण किये इस पर भी काफी लिखा जा चुका है .................लेकिन अब चर्चा वर्ष 2014 में कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद के समय की ....................

कांग्रेस की सरकारों के दौरान भारत के शत्रु देश भारत में अपनी करतूतों के प्रति कठोर कार्यवाही ना होने से काफी आराम की अवस्था में रहते थे .लेकिन देश में मोदी सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान चीन सहित दुनिया के तमाम भारत विरोधी देश परेशानी के हालातो में रहे है अतः ये देश कभी नही चाहते कि भारत में कभी भी किसी राष्ट्रवादी सरकार का गठन हो ...................और अगर किस तरह भारत में राष्ट्रवादी सरकार का गठान हो गया तो कांग्रेस नेहरु गांधी परिवार पाकिस्तान और चीन सहित भारत के दुश्मन देशो के साथ मिल के ऐसी राष्ट्रवादी सरकार को गिराने की हर संभव कोशिश करते रहे है .................याद करिए अटल विहारी बाजपेयी की सरकार के समय कारगिल , IC 814 और संसद पर हमले की घटनाओं को ............फिर बाजपेयी सरकार के पतन के बाद के सोनिया सरकार के दस साल ......................... पाकिस्तान चीन और नेहरु गांधी परिवार ने भरपूर कोशिशे की थीं की 2014 में मोदी किसी भी प्रकार भारत के प्रधानमन्त्री ना बन सके लेकिन मोदी वह चुनाव जीत गए .........उस चुनाव के बाद नेहरु गांधी परिवार ने पाकिस्तान और चीन के साथ मिल के पूरे पांच साल यह प्रयास किया कि किसी तरह मोदी कमजोर दिखाई पड़े और उन्हें 2019 का लोकसभा चुनाव हराया जा सके .........................अब उसी दौर की कुछ घटनाओं का जिक्र जिनका सम्बन्ध चीन से है ( पाकिस्तान सम्बन्धी विषयो की चर्चा फिर कभी करेगे ) ..............

मोदी की पिछली सरकार के दौरान चीन ने भारत की सीमा के पास मित्र देश भूटान की जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया था ..............तब भारत की मोदी सरकार ने अपनी सेनाये भारत भूटान सीमा के डोकलाम इलाके में भेज कर चीन को उसकी औकात दिखाई थी .उस समय कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थक राजनैतिक दलों तथा चीन ने भारत के खिलाफ अकूत दुष्प्रचार किया .........एक तरफ राहुल गान्धी मोदी को ललकार के खुद को देशभक्त साबित कर रहे थे दुसरी तरफ वह दिल्ली में चीन के दूतावास में चीनी अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग कर रहे थे ...............

इस सीक्रेट मीटिंग का खुलासा इस पोस्ट के लेखक ने ही किया था जिसके बाद राहुल गान्धी की उस गद्दारी के समाचार भारत की मीडिया को मिल पाए थे ......................इसी तरह वर्ष 2017में मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पाकिस्तानी मिलिट्री और इंटेलिजेंस एजेंसियों के अधिकारियों से दिल्ली में सीक्रेट मुलाकाते की थी

मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए थे .....................इस यात्रा के बारे में मीडिया को बताया गया था की ये राहुल की धार्मिक यात्रा है जबकि हकीकत यह की इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी चीन सरकार के कई अधिकारियों और मंत्रियो से भी मिले थे ..........ये घटना हमेशा सीक्रेट ही रहती लेकिन एक पब्लिक मीटिंग में राहुल गान्धी के मुहं से अचानक निकल गया की वह चीन यात्रा के दौरान चीन सरकार के मंत्रियो से मिले थे .........................उक्त तथ्यों के समाचार सबूत।
#हिंदी चीनी बाय बाय