Santosh Hindustani 's Album: Wall Photos

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Bsnl ने 4g व 5g हेतु चीनी कंपनियों के भाग लेने पर रोक लगायी है !
सिर्फ सरकारी खरीद से रोकने से उचित परिणाम नही मिलेंगे...
भारत की एप्लायंसेज कंपनियों को चीनी उत्पादों पर अपने ठप्पे लगा कर बेचने से रुकना होगा
हम बजाज का पंखा ले या सिफोनी का कूलर, कोई मिक्सी, वाशिंग मशीन,lcd led tv, प्रेस, टोस्टर, इंडक्शन चूल्हा, सोलर पेनल्स इत्यादि इत्यादि ये सभी चीन निर्मित है और लेबल लगा है भारतीय उत्पादक का

70 बिलियन डॉलर का निर्यात/व्यापार चीन भारत से करता है, 6 वर्षो में पूरा जोर लगाने के बाद भारत 20-22 बिलियन तक ही पहुंच सका है
अकेले नागरिक बहुत कुछ खास नही कर सकेंगे, सम्पूर्ण दृष्टि रख कर निर्णय लेना होगा, दिल्ली मुम्बई के ढेरों थोक व्यापारी शुक्रवार को गवांझो जाते है, ये हांगकांग उतरते है वहां से चीनी उत्पादक इन्हें अपना मेहमान बना कर पूरी सुविधा देते है, वाकायदा भारतीय इम्पोर्ट लाइसेंसी के माध्यम से कॉमिशन देकर पूरा कंटेनर भी नही, आधा व चौथाई कंटेनर भी भारत ले आते है
ये तो व्यापार की बात है, सीधे उपभोक्ता भी घरेलू सामान हेतु सीधा चीन से सामान ले आते है, 2 लोगो को जानता हूं जिन्होंने बंगले बनवाये 3 साल पहले और लिस्ट बना कर घर का पूरा फर्नीचर चीन से खरीद लाये

चीन ने भारतीय उपभोक्ताओं को टारगेट करने के जगह भारतीय उत्पादकों/थोक व्यापारियों को हैंडल किया, इन्हें इनकी फैक्ट्रीज में आ रही लागत से बहुत कम कीमत पर फिनिश्ड गुड्स उपलब्ध कराए वो भी इम्पोर्ट ड्यूटी, sea फ्रेट, पोर्ट चार्जेज व पोर्ट से इनके डिपो तक के सारे खर्चे जोड़ कर, इन ब्रांड ओनर व थोक व्यापारियों से इन्हें वॉल्यूम मिला और पूरा भारत अपनी उत्पादन क्षमता को ठप्प कर बैठा

भारतीय व अन्य गैर चीनी उत्पादों हेतु कुछ अधिक ही कीमत चुकानी होगी

चीनी उत्पादों के बहिष्कार की राह कठिन है पर असम्भव नही, सम्पूर्ण भारत को एक स्वर में बोलना होगा, अंतरास्ट्रीय व्यापार समझौतों के चलते सरकारी रोक मुश्किल है, सरकार नियमो को कुछ कठिन बना सकती है जैसे अभी FDI हेतु सरकारी मंजूरी की शर्त लगायी गयी है
हम केवल खुदरा दुकानदार से चीनी उत्पादों हेतु मना कर सकते है, मोबाइल के चार्जर जैसी मामूली चीज भी हमने बनाने की कोशिश नही की, हमने खुद अपने देश के सम्पूर्ण व्यापार को चीन के हाथों गिरवी रख दिया है
दुष्ट प्लास्टिक के नीबू मिर्ची तक भारत मे बेच रहा है, लेटर आफ क्रेडिट पर माल भेजता है यानी एक रुपये की रिस्क नही

फिलहाल अपने रिटेलर से चीनी उत्पादों के प्रति नकरात्मक रुझान से दवाब बनाने का समय है, दुकानदार की ग्राहकी कम होगी तो वो थोक बाजार में गैर चीनी उत्पादों को ढूंढेगा, कुछ दबाब तो बनेगा ही...

Rajeev Guptaji द्वारा