डॉ बाबा साहब अम्बेडकर जी ने अपनी किताब " शूद्र कोन " में साफ साफ बता चुके हैं शूद्र भी आर्य के बंसज़ हैं
बाबा साहब ब्राह्मण वाद के खिलाफ थे न कि ब्राह्मणों के , बाबा साहब ब्राह्मण वाद के जितने खिलाफ थे उससे कई गुना ज्यादा तो वो इस्लाम और मुसलमानों के कट्टर सोच के खिलाफ भी थे , कांग्रेस के ब्राम्हण वाद से बाबा साहब बहुत परेशान थे ये सबको पता है , कांग्रेस की मुस्लिम तृष्टीकरण और शूद्रों का अनदेखा से बाबा साहब ने कई बार गांधी और नेहरू को भी लताड़ा है
मैं जो कुछ भी बता रहा हुँ इस सच्चाई को कोई नहीं नकार सकता , डॉ बाबा साहब के नाम ले ले कर कुछ पाखंडी उनके बहुत से विचारों को भुला कर अपनी राजनीति फायदे के लिए दलितों का भविष्य अंधकार में धकेल देने का काम किया है , हमसे ये बर्दास्त नहीं होगा कोई हमारे भाइयों को झूट और फरबी से गुमराह करे
इस किताब को आप अपने घर मंगा कर पढ़ सकते हैं इसका हिंदी संस्करण भी मिल जाएगी