गांधी परिवार राजीव गांधी फाउंडेशन में पहले चीन से 2005-06 में लाखों डॉलर लेता है, फिर...
१) कांग्रेस और चीन 2008 में बीजिंग में गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं।
२) पेटीकोट प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर से सेना हटाने की तीन बार कोशिश करता है, ताकि पाकिस्तान और चीन को इस क्षेत्र में स्ट्रेटेजिक फायदा पहुंच सके।
३) अरुणाचल पर चीन दावा करता है, और पेटीकोट सरकार चुप रहती है। चीन के दावे को नहीं नकारती है।
४) पेटीकोट सरकार चीन से मुक्त व्यापार समझौता करती है, और फिर चीन से भारत में निर्यात बढ़ता जाता है, और भारत से चीन को निर्यात घटता चला जाता है।
५) व्यापार असंतुलन पैदा कर भारतीय उद्योग को खत्म करने का गुप्त एजेंडा सेट किया जाता है, ताकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन सके। और भारत को चीनी माल का सबसे बड़ा डंपिंग ग्राउंड बनाया जा सके।
६) 2010-11 में भारत का 19 किमी क्षेत्र चीन को गुपचुप तरीके से दे दिया जाता है।
७) वाजपेई सरकार द्वारा भारत-चीन सीमा पर बनाए गये 61 km सड़क निर्माण को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी संसद में स्वीकार करते हैं कि सीमा पर हम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं कर पाए।
६) चीन के साथ डोकलाम विवाद में फिर गांधी परिवार गुपचुप चीनी दूतावास जाता है, और वहां से लौट कर चीन की जगह भारतीय सेना और सरकार पर हमला करता है।
७) राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर के बहाने चीनी मंत्रियों से मिलने जाता है, और आकर राफेल डील को रोकने की कोशिश करता है।
८) गलवान घाटी हमले में कांग्रेस नेतृत्व एक लाइन भी चीन की आलोचना नहीं करता, बल्कि #fakenews फैलाकर भारतीय सेना और सरकार पर हमला करते हुए चीन को फायदा पहुंचाने की लगातार कोशिश कर रहा है।
इसके बावजूद जो लोग कांग्रेस को वोट देते हैं, उसके हितैषी हैं, वह अपना DNA जरूर चेक कराएं कि गुलामी का वायरस उनके अंदर गहरे घुस तो नहीं चुका है!