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आप पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली हिंसा में दंगाइयों को 'मानव हथियार' जैसा इस्तेमाल किया.............अदालत की आपीए दंगाई नेता पर कठोर टिप्पड़ी...

कोर्ट ने दिल्ली दंगे में आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की भूमिका पर बहुत सख्त टिप्पणी की है। दिल्ली की इस अदालत ने कहा कि ताहिर ने दंगाइयों को कथित तौर पर 'मानव हथियार' के रूप में इस्तेमाल किया। कोर्ट ने कहा कि ताहिर के एक इशारे पर दंगाई किसी की भी जान लेने पर उतारू थे। अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर को जमानत देने से इनकार कर दिया।

दहला देगी ताहिर पर जज की यह टिप्पणी...

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ADJ) विनोद यादव ने अपने फैसले में कहा कि हुसैन जैसे ताकतवर व्यक्ति को जमानत पर छोड़ा गया तो वह गवाहों को धमका सकता है। उन्होंने कहा, 'अभी यह मानने का हमारे पास पर्याप्त तथ्य हैं कि आवेदनकर्ता (ताहिर हुसैन) अपराध की जगह पर मौजूद था और एक समुदाय विशेष के दंगाइयों को भड़का रहा था। उसने (ताहिर ने) खुद से हिंसा तो नहीं की, लेकिन दंगाइयों को मानव हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा था जो उसके एक इशारे पर हर किसी को मारने को तैयार थे।

गवाहों को धमकाने का डर, नहीं मिली बेल.....
जज ने कहा, 'स्पष्ट हो चुका है कि इस केस में जिन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं वो उसी इलाके के निवासी हैं जिन्हें आवेदनकर्ता (ताहिर) जैसे ताकतवर व्यक्ति द्वारा आसानी से डराया जा सकता है।'

'IB ऑफिसर अंकित शर्मा को सोच-समझकर मारा गया'
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या को गहरी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है क्योंकि ताहिर हुसैन की अगुवाई में दंगाइयों के झुंड ने खास तौर से उन्हें ही निशाना बनाया था। चार्जशीट में कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकित शर्मा के शरीर में 51 जगहों पर गहरे जख्म पाए गए थे और जिस दंगाइयों ने दिन दहाड़े जिस बर्बरता के साथ शर्मा की हत्या की, उसने इलाके में सामाजिक सौहार्द की भावना को तार-तार करते हुए इलाके के लोगों में भय का वातावरण बना दिया।

विभिन्न संगठनों से कनेक्शन की भी चल रही जांच
जज ने अपने आदेश में कहा, 'मैंने पाया कि एक गहरी साजिश के तहत नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में संगठित तौर पर हिंसा को अंजाम दिया गया और आवेदनकर्ता (ताहिर) की संलिप्तता की जांच चल रही है। दूसरे एफआईआर के मुताबिक, ताहिर के पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), पिंजरातोड़, जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी, यूनाइटेड अंगेस्ट हेट ग्रुप और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनकारियों से संबंधों की जांच भी हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले की जांच कर रहा है।