हथिनी को इस तरह मारना क्रूरता है लेकिन उससे भी ज्यादा क्रूरता है दो दिन पहले दफनाये अपने पिता की अस्थियाँ नर्मदा में प्रवाहित करना ! !
हिंदूओं में विसर्जन के लिये अस्थियाँ तब प्राप्त होती है जब मृत व्यक्ति का दाह संस्कार किया जाता है ..शरीर जलने पर राख और अस्थियाँ बचती है जिसे पूरे संस्कार के साथ पवित्र नदी में प्रवाहित किया जाता है ।
इस बेटे ने दो दिन पहले पिता को ताबूत में रखकर दफनाया था ..अब आज ये अपने पिता की अंतिम इच्छा(? ) पूरी करने के लिये अस्थियाँ कैसे निकाल लाया ..ये सोचने की बात है । बहुत क्रूरता की है इसने अपने ईसाई पिता के साथ ..सिर्फ हिंदू वोट के लिये !