Ravi Gudadhe 's Album: Wall Photos

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हिंदी सिनेमा की महानतम comedy फिल्मों का नाम लिया जाएगा तो उनमे " जाने भी दो यारों " का नाम ज़रूर आएगा ।
विडंबना ये है कि इसके निर्देशक कुंदन शाह का career , इतनी बेहतरीन फ़िल्म से आगाज़ करने के बावजूद कभी कोई खास चला नही ।

ये इनकी पहली फ़िल्म थी ...... Debut film .....
इसके सारे कलाकार उन दिनों नए नए ही industry में आये थे । ये सब National School of Drama से ताज़ा ताज़ा निकल के मुम्बई आये थे ।
मुख्य भूमिकाओं में नसीर , रवि वासवानी , ओम पुरी , पंकज कपूर , नीना गुप्ता , सतीश शाह , सतीश कौशिक , भक्ति बर्वे इत्यादि कलाकार थे , जो उन दिनों नए नए थे ।
बाद में इन सभी कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया ।
इस फ़िल्म का निर्माण NFDC बोले तो National Film Development Corporation ने सिर्फ 8 लाख रुपये में किया था ।

फ़िल्म रिलीज़ हुई और जैसा कि हमेशा होता आया है , भारत मे अच्छा अर्थपूर्ण कलात्मक सिनेमा हमेशा पिट जाता है , सो जाने भी दो यारों भी पिट गयी ।
पर कुछ सालों बाद दुनिया ने ये महसूस किया कि ये तो एक बेहतरीन Cult Classic फ़िल्म है । बनने और रिलीज़ होने के कुछ साल बाद इस फ़िल्म की पुनः Demand निकली और ये घरों में TV पे और VCR DVD पे खूब देखी गयी ।

आपको ये जान कर ताज्जुब होगा कि निर्माण और रिलीज़ के लगभग 20 साल बाद इसके print को पुनः Digitally सुधार के चुनिंदा शहरों के सिनेमा घरों में दोबारा रिलीज़ किया गया और अबकी बार इसके सभी show House Full गए ।
1983 में बनी ये फ़िल्म आज लगभग 37 साल बाद भी सिने प्रेमियों की पसंदीदा फ़िल्म है ।

फ़िल्म हमारे देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार पे एक करारा व्यंग है । दो बेरोज़गार युवा फोटोग्राफर किस तरह भ्रष्ट नौकरशाही और भ्रष्ट मीडिया का शिकार बनते है , और भ्रष्टाचार को उजागर करते करते खुद शिकार हो जाते हैं ।
फ़िल्म का climax इतना बेहतरीन है कि आप हंसते हंसते पेट पकड़ लेंगे । इसके अलावा ओम पुरी सतीश शाह और सतीश कौशिक के चुटीले संवाद और उनकी acting ...... वाह ...... क्या बात है ।

अगर नही देखी है तो एक बार जरूर देखिये ।