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All the nationalists are my family and India is my home.

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4 जून हिंदू साम्राज्य दिवस जानें इसका महत्व

हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर हिंदू साम्राज्य दिवस का उत्सव मनाया जाता है. दरअसल, साल 1674 में इसी तिथि पर मराठा साम्राज्य के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था. महाराष्ट्र में इस दिवस को शिवराज्याभिषेक सोहळा के तौर पर मनाया जाता है, जबकि पूरे देश में इसे हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल हिंदू साम्राज्य दिवस 4 जून 2020 (गुरुवार) को मनाया जा रहा है. इस दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा देश भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते भव्य समारोह आयोजित नहीं किए जा रहे हैं. चलिए जानते हैं आखिर शिवराज्याभिषेक दिवस पर ही हिंदू साम्राज्य दिवस का उत्सव क्यों मनाया जाता है.

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ शिवराज्याभिषेक दिवस को हिंदू साम्राज्य दिवस के तौर पर मनाता है. संघ के अनुसार, यह दिन छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा संपूर्ण राष्ट्र के लिए किए गए प्रयासों को याद करने का है, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का हर एक अंश हमारा मार्गदर्शन करता है, शिवाजी महाराज के चरित्र, नीति, कुशलता और उनके उद्देश्य की पवित्रता की आज हमारे समाज को आवश्कता है. यही वजह है कि संघ ने ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी को शिवाजी राज्याभिषेक दिवस पर हिंदू साम्राज्य दिवस मनाने का फैसला किया|

बता दें कि ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज का करीब 5 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रायगढ़ किले में राज्याभिषेक किया गया था. इसके बाद ही वे एक प्रखर हिंदू सम्राट के रूप में स्थापित हुए. शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की थी. उन्होंने इस बात की घोषणा की थी कि यह भगवान की इच्छा है, इसलिए इसमें सफलता सुनिश्चित है.

शिवाजी महाराज को नौसेना की स्थापना करने वाले राजाओं में सर्वप्रथम माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले नौसेना की अहमियत को समझते हुए विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जयगढ़ किले में इसकी स्थापना की थी. उन्हें आज भी उनकी वीरता, पराक्रम, शौर्य और दयालु स्वभाव के कारण जाना जाता है. लोग उन्हें हिंदु हृदय सम्राट कहकर भी पुकारते हैं. इतना ही नहीं मुगलों के शासल काल में मराठाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखने में भी छत्रपति शिवाजी महाराज का बहुत बड़ा योगदान रहा है.