FOJI ladla ladla's Album: Wall Photos

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बात है, सन निन्यानबे मई माह की फिर से धावा बोला था, पाकिस्तानी सेना ने

वापस से पीठ में छुरा भोंक कर, और
चढ़ कर करगिल की चोटी पर, नया मोरचा खोला था।

गीदड़ भेड़ खाल में बैठे दुश्मनों पर तब भारत के जाबांजो ने, कठिन प्रहार कर उनका संहार किया था।

सीने पर गोलियां खाते हुए दुर्गम चोटियों पर वापस से तिरंगा लहराया था।

देश कि खातिर माताओं ने, अपने लाल बहन ने भाई को पिता ने अपने बुढ़ापे के लाठी को बच्चों ने पिता के साए को सुहागिनों ने सिन्दूर गंवाए थे।

तीन महीने चले युद्ध में,पाकिस्तान ने फिर से मुंह की खाई थी।

आज मनाकर विजय दिवस हम, उसको याद करेंगे
करो याद भारत के उन वीर जवानों को,कारगिल की चोटी पर लहराया था तिरंगा

याद करो उन देश भक्तों की कुर्बानी को, जिन्होने
दुश्मन के सैनिकों को मार गिरा कर उनकी चालों को किया था नाकामयाब।

निडर भारत भूमि के लाडलों को, श्रद्धा सुमन अर्पित उनका मान बढ़ाओ।

आंधी हो तूफान हो या हो रेगिस्तान, वो
रात जागते देश की रक्षा करने को।

देश के लोग सुकून से सोते जब रात भर
बर्फ पर चलते हुए एक एक दुश्मन को मार गिराते, और अपने सीने पर गोलियां खाते थे।

याद करो उन वीरों की शहादत को,

भूलों नहीं ऐसे देश के रखवालों को,

शत् शत् नमन हमारे सीमा पहरेदारों को।
जय हिंद की सेना