Deepak Sharma's Album: Wall Photos

Photo 1 of 12 in Wall Photos

मुम्बई लॉकडाउन को लेकर फिल्म बनाने की सोच रहा हूं कहानी के कुछ अंश इस प्रकार है:-

एक महामारी को लेकर मुम्बई में लॉकडाउन हो जाता है और सभी संसाधन उधोग, कारखाने, कंपनी इत्यादि बंद कर दिए जाते हैं।

बड़े उद्योगपति, धनवान और नेता लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकलते लेकिन मौज पूरी मारते हैं।
जो मजदूर इन उधोगपति और धनवान लोगों के कारखाने, कंपनी इत्यादि में काम करते थे, उनकी सहायता करने के लिए ये उधोगपति और धनवान लोग आगे नहीं आते।
जिस कारण इन्हें अपने घरों की तरफ प्रस्थान करना पड़ता है।
बाकि कथित गरीबों और बांग्लादेशी रोहिंग्या जिहादियों को सरकार मुफ्त की रेवड़ी बांटती है।

मजदूरों के सड़कों पर निकलने के बाद मीडिया अपनी टीआरपी के लिए आगे आती है और मजदूरों को जानबुझकर भड़काकर सड़कों पर चलने के लिए बोलती है।

और जब तक मीडिया मुम्बई के मजदूरों को सड़कों पर दिखा रही थी तो उन मजदूरों के पास कॉल करने पैसे नहीं थे, कोई स्मार्ट फोन नहीं था, न ही कोई सोशल एकाउंट था। वह मजदूर बहुत असहाय महसूस कर रहे थे क्योंकि वह किसी से भी ट्वीट कर सहायता की गुहार नहीं लगा पा रहे थे???

उसके उपरांत जब केंद्र सरकार सहायता के लिए आगे आती है और रेलवे के द्वारा 98% मजदूरों को मुम्बई महाराष्ट्र से उनके गंतव्यों तक पहुंचा देती है।

तब जाकर मुम्बई में आधुनिक दानवीर कर्ण पैदा होने लगे और आधुनिक सुविधाओं से लेस मजदूर भी पैदा हुए जिनके पास स्मार्ट फोन थे और सभी प्रकार के सोशल साइट्स पर एकाउंट भी।

आधुनिक सुविधाओं से लेस मजदूर धड़ाधड़ ट्वीट पर ट्वीट करते हैं कहानी के नायक आधुनिक दानवीर कर्ण हंसी मजाक के साथ ट्वीट का जवाब देते है।

और फिर शुरू हुआ आधुनिक सुविधाओं से लेस मजदूरों को सुपरसोनिक स्पीड से उनके गंतव्य तक पहुंचाने का कार्यक्रम।

आगे की कहानी फिल्म के दूसरे भाग में। जानने के लिए बने रहें हमारे साथ
https://t.me/UltimateGuruJi