अमित जी कौशल's Album: Wall Photos

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सुमंगलम सुप्रभात
नीतिकथन

छिन्नोअपि रोहति तरुः
क्षीणोअप्युपचीयते पुनश्चन्द्रः।
इति विमृशन्त: सन्तः
सन्तप्यन्ते न लोकेषु।।

कटा हुआ भी वृक्ष पुनः उग जाता है तथा कृष्णपक्ष में क्षीण हुआ चन्द्रमा शुक्लपक्ष में बढ़ जाता है। यह विचार करते हुए सज्जन दुःख से पीड़ित होने पर अथवा विपत्तिग्रस्त होने पर दुःखी नहीं होते हैं।

जय श्री हरि जी की