अमित जी कौशल's Album: Wall Photos

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नीतिकथन

यस्यास्ति वित्तं स नरः कुलीनः
स पण्डितः स श्रुतवान् गुणज्ञ:।
स एव वक्ता स च दर्शनीयः
सर्वे गुणाः काञ्चनमाश्रयन्ति।।

इस संसार में जिनके पास धन है, वही श्रेष्ठ कुल में उत्पन्न , वही बुद्धिमान, वही शास्त्रज्ञ, वही गुण-ग्राही, वही बोलने में चतुर और वही पुरुष रूपवान समझा जाता है। इससे प्रतीत होता है कि सभी गुण धन में ही निवास करते हैं।
जब कि ये वास्तविकता नही है ।

जय श्री हरि