2010 के आस-पास इस्कॉन (International Society For Krishna Consciousness) युरोपीय देशों में अपना जड़ जमा चुका था। कई परिवार कृष्णभक्ति में रम चुके थे।
2011 में यूरोप में स्थित देश पोलैंड की राजधानी वर्साय में एक नन से यह सबकुछ सहा नहीं गया और उसने इस्कॉन पर एक केस फाइल कर दिया। मामला कोर्ट में पहुंचा। नन ने अदालत से मांग की कि पोलैंड में इस्कॉन को बैन कर दिया जाए।
वह इस्कॉन के इस प्रभाव से खुश नहीं थी। उसने कोर्ट में कहा कि इस्कॉन के अनुयायी उस कृष्ण का गुणगान करते हैं जिनका चरित्र ठीक नहीं था। नन का कहना था कि श्रीकृष्ण ने 16,000 औरतों से शादी की थी। गोपियों संग उनकी रासलीला भी मशहूर हैं।
नन का विरोध करते हुए इस्कॉन के एक शख्स ने जज से विनती की कि वह नन से उस शपथ को दोहराने को कहें जिसे वह नन बनते समय ली थी। जज ने नन से उस शपथ को तेज आवाज में बोलने को कहा हालांकि नन चुप रही।
इस पर इस्कॉन के इस शख्स ने जज से कहा कि वह उसे उस शपथ को पढ़कर सुनाने की अनुमति प्रदान करें। जज ने ऐसा करने को कहा तो उस व्यक्ति ने कोर्ट मे सबके सामने शपथ को जोर-जोर से पढ़के सुनाया।
शपथ ये था~ " मैं खुद को सशरीर जीसस को सौंपती हूँ और आजीवन उन्हीं को अपना पति मानती हूँ। इसके बाद कभी भी मैं परपुरुष की ओर आकर्षित होऊँगी और न ही ताउम्र विवाह करूँगी।"
उस प्रतिवादी शख्स ने कहा कि माई लॉर्ड! श्रीकृष्ण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनकी 16,000 पत्नियाँ थीं। इस तरह से देखा जाए तो दुनिया भर में 10 लाख से अधिक Nun हैं जो कि Jesus Christ की विवाहिता हैं।
इस बात को सुनते ही जज ने ISKCON के खिलाफ इस केस को फौरन खारिज कर दिया।