स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी का भी निर्माण चीनी कारीगरों की मदद से किया गया था । मूर्ति में इस्तेमाल मेटल भी चीनी कंपनी “Jiangxi Toqine Metal Crafts Corporation” ने सप्लाई किया था ।
चाइना प्रोडक्ट के बॉयकॉट की लहर चली है तो उस लहर में इस मूर्ति का क्या किया जाय ।इस मुर्ती को हटा कर उस जगह (केवड़िया गांव) के आदिवासियों को को उनका जमीन वापस कर दिया जाय..! और किसी देशी कंपनी से दिल्ली या मुंबई के पॉश इलाकों में पैसों से संपन्न लोगों का अपार्टमेंट हटा कर सरदार पटेल जी की मुर्ती स्थापित की जाय .!!! पटेल साहब तो सबके हैं फिर सिर्फ़ गरीब आदिवासियों के जमीन पर हीं आदिवासियों को विस्थापित करके मुर्ति स्थापना नहीं होनी चाहिए।