मुंशी प्रेमचंद जी की अपनी पत्नी के साथ फोटो जिसमें उन्होंने फटे जूते पहने हुवे हैं
इस फोटो को देखकर हरिशंकर परसाई जी ने एक एक लेख लिखा था जिसमें उन्होंने कहा था "सोचता हूँ—फोटो खिंचवाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी—इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है। यह जैसा है, वैसा ही फोटो में खिंच जाता है।"
-अपनी कलम से समाज को आईना व दिशा देने में सजग भूमिका निभाने वाले मुंशी प्रेमचंद-जी को दिल से नमन है