चित्रलेखा का यह फोटो लंदन में हुई कथा का है यह भागवत कथा करते हुए व्यासपीठ पर बैठी है इसके पति का जन्मदिन है और यह व्यासपीठ पर ही बैठकर अपने पति से केक कटवा कर जन्मदिन मना रही है
समस्त विद्वतजन बताए कि सनातन धर्म में व्यासपीठ पर बैठकर केक काटना और जन्म दिन मनाना क्या व्यासपीठ का अपमान है या नहीं।
मेरे मतानुसार चित्रलेखा ने व्यासपीठ का अपमान किया है।