अब तक नरपिशाचों के बारे में सिर्फ किस्से कहानियों में ही सुना पढ़ा था पर जबसे इस खबर को पढा है तबसे आत्मा तक हिल गई है
जिसने भी ऐसा किया है सचमुच वो इंसान कहलाने का अधिकारी तो हो ही नहीं सकता
पूरी मानवता को शर्मसार करने वाला ये कृत्य भगवान भी क्षमा नहीं करेगा
बेजुबानों की व्यथा को सिर्फ भगवान ही समझ सकते हैं और उनके यहां देर है अंधेर नहीं इन्साफ जरूर होगा
अब इस सृष्टि को सच में इन्सानों से ही खतरा है इसलिए विनाश भी जरूरी है