हमारे देश में लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतें तथा लगभग 6.5 लाख गाँव हैं। सरकारी प्रयास से आज़ादी के बाद के 73 वर्षों में हम एक भी गांव को आत्मनिर्भर बनाने में सफल नहीं हो पाये हैं ।
यदि दो -चार ऐसे उदाहरण हैं भी तो वे कुछ व्यक्तियों जैसे अन्ना हज़ारे जी, पोपट राव जी,श्याम सुंदर पालीवाल जी , एलाँगो रामास्वामी जी जैसे लोगों के व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम है जिसमें सरकारी सिस्टम का योगदान नहीं है। आज भी हमारे गाँवों में सामाजिक समस्याओं जैसे नशापान, बड़ा परिवार, आपसी झगड़े, गंदगी, बाल श्रम, बाल विवाह, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, अंध विश्वास (आदि का भरमार है। हमारे गाँव मूल्य आधारित शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण, पीने के साफ़ पानी, खेत के लिए फसल हेतु सिंचाई के साधन, मानवता की सुरक्षा हेतु ज़रूरी वनों एवं जैव विविधता के संरक्षण, रोज़ी रोटी के साधन आदि से वंचित हैं। क्या आप इसका कारण जानते हैं ?
आप अपने सुझाव भी दे सकते हैं।