एक आह्वान राम मंदिर की पवित्रता बचाने हेतु
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सेवा में,
पूजनीय सरसंघचालक जी
माननीय सरकार्यवाह जी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
नागपुर
विषय: प्रभु श्रीराम जन्मस्थान की पवित्रता बनाये रखने एवं हिन्दू जन-भावनाओं के संरक्षण हेतु
श्रीमान् को विदित ही है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या जी में रामलला के पावन जन्मस्थान पर पुनः मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है और 5 अगस्त को श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास होना है।
देश और दुनिया के लाखों-करोड़ों हिन्दू इस पावन दिवस के लिए सदियों से प्रतीक्षारत थे। देश के प्रायः हर इलाके से हिन्दू उस दिन अयोध्या जी आकर अपनी आँखों से इस स्वर्गिक दृश्य को देखना चाहतें हैं; परंतु कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए सम्पूर्ण हिन्दू समाज अपने-अपने स्थानों पर रह कर ही मानसिक रूप से इस ऐतिहासिक घटना और युग-परिवर्तन का साक्षात्कार करेगा।
ऐसे में प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एक खबर प्रचारित हो रही है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़ा मोहम्मद फ़ैज़ खान नाम का व्यक्ति माता कौशल्या मंदिर, छत्तीसगढ़ की मिट्टी लेकर पदयात्रा करते हुए अयोध्या की तरफ निकला है। उसकी योजना श्री राम मंदिर की नींव में उस मिट्टी को अर्पित करने की है।
हम इस बात से अवगत नही हैं कि यह कार्य उनको संगठन द्वारा दायित्व स्वरूप सौंपा गया है अथवा वह स्वयं सस्ती लोकप्रियता हेतु यह कर रहा है।
वजह जो भी हो पर प्रकरण से जागरूक हिन्दू समाज जो इस व्यक्ति की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं, स्वार्थों और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की मंशाओं से अवगत है, बेहद आहत है।
ज्ञात हो कि वर्तमान में सिख-मुस्लिम के बीच बढ़ती निकटता की एक बड़ी वजह सिखों द्वारा यह बताई जाती है कि स्वर्ण मंदिर, अमृतसर की नींव मियाँ मीर नाम के एक मुस्लिम ने रखी थी। अतः इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भविष्य में फ़ैज़ खान के इस कृत्य का उपयोग हिंदुओं को बेबकूफ बनाने और झूठी कहानियाँ गढ़ने में किया जायेगा।
साथ ही उसके इस दुःसाहस से समाज में वैमनस्य फैलने की भी आशंका है; क्योंकि सोशल मीडिया पर अपनी पोस्टों के माध्यम से वो हिन्दू समाज को लगातार यह चुनौती दे रहा है कि कोई उसे रोक कर दिखाए।
आदरणीय! इसके पहले कि उसका यह कृत्य हम सभी हिन्दुओं के ऊपर अपमान स्वरूप अंकित हो और हिन्दू समाज के बीच ही वैमनस्यता फैले, आपसे अनुरोध है कि आप स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए प्रभावी कदम उठाएँ।
हम नहीं चाहते कि हमारी आने वाली पीढ़ी इस असत्य के साथ बड़ी हो कि उनके आराध्य के जन्मस्थान की नींव एक मुस्लिम ने डाली थी।
सादर सहयोग की प्रतीक्षा में आतुर समस्त हिन्दू समाज की ओर से,
भवदीय,
राम भक्त