BL Sharma's Album: Wall Photos

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गोविंद नारायण सिंह जी की टिप्पणी -

"हो सकता है आपने भी वचपन में किया हो , मैंने तो किया था । पला , पला यू नो - बास्केट । जैसे गेंहू का ढेर लगा हो और उन गेंहुओं को बोरे में भरना हो तो पला में भर भरकर बोरे में डालते हैं ।पला रेतीली जमीन में उगने वाले झाऊ के पौधे की टहनियों से बनाया जाता था।एक पला को लगभग ४५ डिग्री पर एक पतली लकड़ी का सपोर्ट देकर आंगन में रख देता था , पला के नीचे अनाज के दाने डालकर , लकड़ी में एक धागा बांधकर , धागे का एक सिरा पकड़कर दूर बैठ जाता था । जैसे ही कोई गौरैया या फाख्ता अनाज का दाना देखकर पला के नीचे आती थी , झटके से धागा खींच देता था पला जमीन पर गिरता था और चिड़िया भी कभी कभी उसी में रह जाती थी । मैं चूंकि घास फूस वाला हूं इसलिए चिड़िया को रंगकर छोड़ने के सिवा कोई उपयोग न करता था ।दाना डालने को चूंगा डालना भी कहते थे ,आज यह खबर पढ़ी तो वचपन में चूंगा डालकर चिड़िया फंसाना याद आ गया।"