Mukesh Bansal 's Album: Wall Photos

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जानते हो आप इनलोगों को \ud83d\ude11\ud83d\ude11\ud83c\uddee\ud83c\uddf3\ud83c\uddee\ud83c\uddf3
जिन्ना का दोष यही था कि उसने मुसलमानों को सीधे क़त्ले आम करके पाकिस्तान लेने का निर्देश दिया था। वह चाहता तो यह क़त्ले आम रुक सकता था लेकिन उसे मुसलमानों की ताक़त भी तो दर्शानी थी।

16 अगस्त 1946. दो दिन पूर्व ही जिन्ना नें सीधी कार्यवाही की धमकी दी थी पर गांधीजी को अब भी उम्मीद थी कि जिन्ना सिर्फ बोल रहा है, देश के मुश्लिम इतने बुरे नहीं कि पाकिस्तान के लिए हिंदुओं का कत्लेआम करने लगेंगे। पर गांधी यहीं अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल कर बैठे पर ये भुल जान कर हुई थी की अनजाने इसे छोड़े।

सम्प्रदायों का नशा शराब से भी ज्यादा घातक होता है।
बंगाल और बिहार में मुश्लिमों की संख्या अधिक थी और मुश्लिमलीग की पकड़ भी यहाँ मजबूत था।

बंगाल का मुख्यमंत्री शाहिद सोहरावर्दी जो जिन्ना का वैचारिक गुलाम था। जिन्ना का आदेश उसके लिए खुदा का आदेश जैसा था।

पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश ) का मुश्लिम बाहुल्य नोआखाली जिला। यहाँ अधिकांश दो ही जाति के लोग थे। गरीब हिन्दू और मुस्लिम। हिंदुओं में 95 फीसदी पिछड़ी जाति के लोग थे।
जो गुलामी के दिनों में बमुश्किल से किसी भी तरह पेट पालने वाले लोग।
लगभग सभी जानते थे कि जिन्ना का डायरेक्ट एक्शन यहाँ होगा पर हिन्दुओं में शांति थी। आत्मरक्षा की भी कोई तैयारी नहीं। कुछ लोग गाँधी जी के भरोसे बैठे थे, कुछ को मुस्लिम अपने भाई लगते थे, उन्हें ये भरोसा था कि मुस्लिम उनका अहित नहीं करेंगें।

सुबह के दस बजे से ही सड़क पर नमाजियों की भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हो गयी। बारह बजते बजते यह भीड़ लगभग तीस हजार के करीब हो गयी, सभी के हाथों में नंगी तलवारें लहरा रही थी ओर मौलाना मुसलमानों को बार बार जिन्ना साहब का हुक्म के साथ कुरान की आयातों को पढ़ कर सुना रहा था। बिरदराने इस्लाम...हिंदुओं पर दस गुनी तेजी से हमला करो।

मात्र पचास वर्ष पूर्व ही हिन्दू से मुसलमान बने इन मुसलमानों में घोर साम्प्रदायिक जहर भर दिया गया था अब इन्हें अपना पाकिस्तान किसी भी कीमत पर चाहिए था।

एक बज गया, नमाज हो गयी। अब जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन का समय आ चुका था।
इस्लाम के तीस हजार सिपाही एक साथ हिन्दू बस्तियों पर हमला शुरू करते हैं। एक ओर से, पूरी तैयारी के साथ, थीं वैसे ही जैसे किसान एक ओर से अपनी फसल काटता है।
जब तक एक जगह की फसल पूरी तरह कट नहीं जाती, तब तक आगे नहीं बढ़ता।

जिन्ना की सेना पूरे व्यवस्थित तरीके से काम कर रही थी।
पुरुष, बूढ़े और बच्चे काटे जा रहे थे, स्त्रियों-लड़कियों का बलात्कार किया जा रहा था।

हाथ जोड़ कर घिसटता हुआ पीछे बढ़ता कोई बुजुर्ग,
और छप से उसकी गर्दन उड़ाती तलवार, माँ माँ कर रोते छोटे छोटे बच्चे, और उनकी गर्दन उड़ा कर मुस्कुरा उठती तलवारें।

अपने हाथों से शरीर को ढंकने का असफल प्रयास करती बिलखती हुई एक स्त्री, और राक्षसी अट्टहास करते बीस बीस मुसलमान। उन्हें याद नहीं कि वे मनुष्य भी हैं। उन्हें सिर्फ जिन्ना याद था। उन्हें बस पाकिस्तान याद था।

शाम हो आई थी। एक ही दिन में लगभग 15000 हिन्दू काट दिए गए थे और लगभग दस हजार स्त्रियों का बलात्कार हुआ था।

जिन्ना खुश था, उसके डायरेक्ट एक्शन की सफल शुरुआत जो हुई थी।

अगले दिन 17 अगस्त 1946 को जिन्ना की विजयी सेना मटियाबुर्ज का केसोराम कॉटन मिल पहुंचती है। मिल के मजदूर और आस पास के स्थान के दरिद्र हिन्दू मिल के ग्यारह सौ मजदूरों, जिनमें तीन सौ उड़िया हैं, को ग्यारह बजते बजते पूरी तरह काट डाला गया। मोहम्मद अली जिन्ना जिन्दाबाद ओर अल्ला हू अकबर के नारों से आसमान गूंज रहा था।

अगले एक सप्ताह के भीतर रायपुर, रामगंज, बेगमपुर, लक्ष्मीपुर ...लगभग एक लाख लाशें गिरी । तीस हजार स्त्रियों का बलात्कार हुआ। जिन्ना ने अपनी ताकत दिखा दी।

हिन्दू महासभा निग्रह मोर्चा बना कर बंगाल में उतरी, और सेना भी लगा दी। कत्लेआम रुक गया।

बंगाल विधान सभा के प्रतिनिधि हारान चौधरी घोष ने कहा
यह दंगा नहीं। मुसलमानों की एक सुनियोजित कार्यवाही थी।
एक कत्लेआम था ।

गांधीजी का घमंड टूटा, पर भरम बाकी था।

6 सितम्बर 1946 . गुलाम सरवर हुसैनी,
मुश्लिमलीग का अध्यक्ष बनता है और शाहपुर में कत्लेआम दुबारा शुरू हो जाती है।

10 अक्टूबर 1946 . कोजागरी लक्ष्मीपूजा के दिन ही कत्लेआम की तैयारी थी। नोआखाली के जिला मजिस्ट्रेट M.J.Roy रिटायरमेंट के दो दिन पूर्व ही जिला छोड़ कर भाग जाते हैं।
वे जानते थे कि जिन्ना ने 10 अक्टूबर का दिन तय किया है, और वे हिन्दू हैं।
जो लोग भाग सकते थे वे भाग कर पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और आसाम के कुछ हिस्सों में भाग गए। जो नहीं भाग पाएं उन पर कहर बरसी । नोआखाली फिर जल उठा ।

लगभग दस हजार लोग दो दिनों में काटे गए ।
इस बार नियम बदल गया। पुरुषों के सामने उनकी स्त्रियों का बलात्कार हुआ, फिर पुरुषों और बच्चों को काट दिया गया।
अब वह बलात्कृता स्त्री उसी राक्षस की हुई जिसने उसके पति और बच्चों को काटा। लगभग एक लाख हिन्दू बंधक बनाए गए। जीनके लिए मुक्ति का मार्ग निर्धारित थी।
गोमांस खा कर इस्लाम स्वीकार करो और जान बचा लो।

एक सप्ताह में लगभग पचास हजार हिंदुओं का धर्म परिवर्तन हुआ।
जिन्ना का डायरेक्ट एक्शन सफल हुआ।

इतिहास पढ़ो।
( अनपढ शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के दिशा निर्देश में वामपंथी लिखित इतिहास नही :- चक्रधर झा)
और थोड़ा सोचो...
इस पोस्ट को जन जन तक पहुँचाओ...
ताकि सेक्युलर हिन्दुओं को पता तो चले कि कौन था जिन्ना।\ud83d\udc46\ud83d\udc46
Reality Of Mohd.Jeena.