Mukesh Bansal 's Album: Wall Photos

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18 nov 2018 को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, भास्कर रमण को गिरफ्तार किया । हुआ यह की 2015 में एक रेड के समय ED को एक बैंक लाकर से चार वसीयत मिली थी। ये चारों वसीयत भास्कर रमण, सी बी ऐन रेड्डी, रवि विश्वनाथन, पद्मा विश्वनाथन नामक चार लोगों ने किया थी। इन वसीयतों की खासियत यह थी की इन चारों वसीयत एक ही दिन 19 जून 2013 को की गई थी और सब वसीयतों का एक गवाह वी मुरली नामक व्यक्ति था और बाकी तीन वसीयत में सी बी ऐन रेड्डी, और एक में रवि विश्वनाथन भी था।

अब आते है इन वसीयतों की ख़ास बात पर जो दो भागों में बनी है। एक भाग में तो सारी जायदाद, धन, मकान, गहने आम वसीयतों की तरह पत्नी और बच्चों के नाम किया था लेकिन वसीयतों का दूसरा भाग विशेष खास है। इस भाग में इन सबने दो कंपनियों 'क्रिया एफएमसीजी' और 'एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसलटेंट प्राइवेट लिमटेड' (Advantage) के सारे शेयर एक लड़की अदिति जो सुपुत्री डॉ श्रीनिधि और पौत्री डॉ बी. रंगराजन की है। यह सारे शेयर अदिति के नाम इसलिये किये गये की यह लोग डॉ बी. रंगराजन को अपना आदर्श, मार्गदर्शक, फिलोसोफर, मानते थे और उनके द्वारा समाज के लिये जो काम किया है उसके प्रशंसक है।

अब मृत्यु होने की स्थिति में इन दोनों कंपनी में जिसमे इनकी हिस्सेदारी 60% है स्वतः इस लड़की अदिति के नाम हो जाएगी। अब इन दो कम्पनियों के बाकी के 40% शेयर एक कंपनी 'ऑस्ब्रिज़' के पास है जिसके मालिक मोहनन राजेश है।इस एडवांटेज कम्पनी में क्या खास बात है? इस 'एडवांटेज' कंपनी भारत मे 'वसन आई केअर' की 60% हिस्सेदारी है जो उसने सिर्फ 50 लाख में खरीदी थी और बाकी की 40% इक्विटी, वसन आई केअर ने मॉरिशस की एक कम्पनी 'सेकोइन कैपिटल' को 45 करोड़ में बेच दी, जिससे असल मे वसन आई केअर में एडवांटेज की असली हिस्सेदारी, 67.50 करोड़ की हो गयी!

मामला सिर्फ इतना ही नही है, इस 'एडवांटेज' की एक सब्सिडियरी सिंगापुर में है, जिसका नाम है 'एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड( एडवांटेज सिंगापुर) जिसके पास विश्व भर में अरबो की प्रॉपर्टीज हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि अंटार्टिका और आर्कटिक को छोड़ कर सभी जगह इसकी सम्पति है। अब ऐसी बेतहाशा अमीर अमीर कम्पनी, जिसकी धन संपदा व सम्पतियाँ अरबो में है, उसको भास्कर रमण और अन्य चार लोगों ने एक लड़की अदिति को सिर्फ इसलिये दान कर दी क्योंकि वे उसके नाना डॉ बी रंगराजन से बेहद प्रभावित थे!

अब इस प्यारी सी बच्ची का पूरा नाम भी जान लीजिये, उसका पूरा नाम है "अदिति नलिनी चिदंबरम" और उसके पिता का नाम है "कान्ति चिदंबरम", माँ का नाम "श्रीनिधि चिदंबरम" और इसके बाद अदिति के दादा का नाम लेने की जरूरत है? इसको आप ही गेस कर लीजिये।

इस पूरे खेल की कहानी यहीं पर नहीं समाप्त होती है। 'एडवांटेज' के 40 % के मालिक 'ऑस्ब्रिज़' के माध्यम से खरीदने वाले मोहनन राजेश, दरअसल में कान्ति चिदंबरम के पडोसी भी हैं। कान्ति चिदंबरम ने मोहनन से 'ऑस्ब्रिज़' को 2006 में पहले खरीद लिया था लेकिन जब 'वसन आई केअर' को लेकर लोग काना फूसी करने लगे तो फिर 2011 में उसे वापिस मोहनन राजेश को ट्रांसफर कर दिया गया।



इस पूरे अरबों के खेल को चलाने वाला कोई बुद्धिमान और शक्तिशाली आदमी ही होना चाहिये, जो इतना बुद्धिमान और शक्तिशाली हो जितना भारत का वित्त मंत्री बनने के लिये होना चाहिये।

आगे आने वाला समय बड़े उथल पुथल का समय है, सरकार की हर काम पर जहां नज़र है वही सरकार पर भी शक्तिशालियों की नज़र है। यदि इस बार सरकार चूक गई तो बहुत बुरा होगा, क्योंकि अभी भी अंदर के तन्त्र में पुराने अच्छे दिनों के वापिस आने की उम्मीद है।

Matter is in the court

#Sambhavami Yuge Yuge