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गद्दार कांग्रेस और नेहरु गांधी परिवार का हाँथ ..........चीन के साथ !

भारत चीन सीमा पर सड़क और मिलिट्री सुविधाओं के निर्माण के लिए लेबर नही देगी कांग्रेस की झारखंड सरकार ..........

देश की आजादी के बाद से ही भारत चीन सीमाओं पर सड़क और मिलिट्री ढांचे की आवश्यकताओं को नकारने वाले तथा इन इलाको को चीन की दया पर छोड़ने वाले गद्दार नेहरु गान्धी परिवार ने , भारत का काफी बड़ा इलाका चीन के कब्जे में जाने दिया .................इसी माहौल में वर्ष 1962 में चीन ने भारत पर हमला किया और नेहरु की गलत नीतियों के कारण भारत को चीन के हांथो शर्मनाक हार का सामना करना पडा था .................नेहरु से लेकर मनमोहन सरकार के समय तक इन सीमाओं के हालत अक्सर ऐसे रहे की चीन ने भारतीय इलाकों में बड़े पैमाने पर ना सिर्फ घुसपैठ की बल्कि बहुत से इलाको पर कब्जा भी किया ....................मनमोहन सरकार के समय में तो हालत ऐसे थे की तत्कालीन सरकार ने भारत की मीडिया को ऐसे निर्देश दिए हुए थे कि भारत का मीडिया चीनी घुसपैठ के समाचार भारतीय दर्शको को ना दिखाए ....................यही नही उसी कार्यकाल में मनमोहन ने भारत से छिपा के चीन के साथ एक शर्मनाक समझौता किया था .............समय बदलता रहा लेकिन भारत की चीन से लगती सीमाओं की सुरक्षा मिलिट्री ढांचे , सडको तथा पुलो के पर्याप्त अभाव में हमेशा ही कमजोर रही .............और वर्ष 2014 में भारत की जनता ने सोनिया की मनमोहन सरकार को देश की सत्ता से चलता कर दिया ....

उसके बाद सत्ता सम्हालते ही मोदी सरकार ने भारत चीन सीमाओं पर बहुत विशाल पैमाने पर सड़क तथा पुलों के निर्माण को तेजी से आगे बढाया .......इसी बीच मोदी के पिछले कार्यकाल के दौरान चीन ने भारत भूटान सीमा के इलाको में कब्जा करने की कोशिशे की तो भारत ने सैन्य हस्तछेप के जरिये चीन को रोकने में सफलता पायी ...............

उसी दौर में जब भारत और चीन के बीच मिलिट्री कनफ्लिक्ट अपने चरम पर था और चीन का मीडिया तथा सरकार के अंग भारत को धमकाने के साथ बुरे परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे थे .ठीक उसी दौर में सोनिया गांधी का पुत्र गांधी भारत में चीन के राजदूत से सीक्रेट मुलाक़ात करते पकड़ा गया था .....उस समय नेहरु गांधी खानदान के इस मक्कार प्यादे की मंशा यह थी कि किसी तरह चीन भारत पर हावी हो और कांग्रेस को भारत की सत्ता में बापसी का अवसर मिल सके ..............लेकिन मोदी सरकार की कठोर नीति के कारण चीन को अपने कदम बापस लेने पड़े थे ...................लेकिन उस दौर में कांग्रेस ने भारत का पक्ष कमजोर करने में कही कोई कसर नही छोड़ी थी ...

इस बार फिर जब भारत चीन सीमा के कुछ इलाको में तनाव के हालात है और भारत का रक्षा मंत्रालय इन इलाको में सड़क निर्माण की अपनी चल रही योजनाओं को तेजी से पूरा करना चाहता है ताकि चीन के साथ किसी मिलिट्री कनफ्लिक्ट के समय भारत को सेना की तैनाती और सैनिक साज समान की सटीक सप्लाई लाइन मेंटेन करने में कोई व्यवधान ना हो . .तब इस् संवेदनशील माहौल में कांग्रेस शासित झारखंड भारत के रक्षामंत्रालय को लेबर सप्लाई करने से मना कर दिया है !