संजयराज राजपुरोहित 's Album: Wall Photos

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रूस के पॉवर प्लांट से बहा 20 हजार टन डीजल, पुतिन ने की स्टेट इमरजेंसी की घोषणा :-

- रूस के साइबेरिया में एक पॉवर प्लांट से 20 हजार टन डीजल के रिसाव के बाद राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने "आपातकालीन स्तिथि" की घोषणा कर दी है।

- भारी मात्रा में डीजल के "अंबरनाया" नदी में मिलने के बाद इसके सफाई के लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई जारी है।

- राष्ट्रपति पुतिन ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की है और जांच के आदेश दिए है ।

- विस्तार से :-

1. रूस और कच्चा तेल :-

- रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है जो कच्चे तेल का उत्पादन करता है ।
- विश्व मे लगभग 12% कच्चे तेल का योगदान रूस का है ।
- अधिकतर कच्चे तेल का उत्पादन रूस के साइबेरिया क्षेत्र में होता है ।
- साइबेरिया एक विशाल और विस्तृत भूक्षेत्र है , यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है।
- साइबेरिया पश्चिम में यूराल पहाड़ों से शुरू होकर पूर्व में प्रशांत महासागर तक और उत्तर में उत्तरध्रुवीय महासागर (आर्कटिक महासागर) तक फैला हुआ है। - दक्षिण में इसकी सीमाएं , क़ाज़ाक़स्तान, मंगोलिया और चीन से लगती हैं।

2. रूस में तेल का रिसाव कहा हुआ :-

- यह रिसाव "नोरिल्स्क" या "नोरिलस्क" शहर में हुआ , नोरिल्स्क शहर "क्रास्नोयार्स्क क्राय" नामक जिले में है और , यह "क्रास्नोयार्स्क क्राय" साइबेरिया में स्तिथ है , और साइबेरिया रूस में स्तिथ है ।

- अब इसी नोरिलस्क शहर के क्षेत्र में तेल के साथ "निकल" (Nikel) भी अच्छी मात्रा में पाई जाती है , और यही की एक कम्पनी जिसका नाम "नोरिलस्क निकल" है उसी के अधीन यह तेल के टैंक रखे हुए थे ,और यह कम्पनी इसकी देखभाल करती थी इसके अलावा यह कम्पनी दुनिया की सबसे बड़ी "निकल" और "पैलेडियम" निर्माता कम्पनी है ।

- इसी "नोरिलस्क" शहर के पास "अंबरनाया" नामक नदी बहती है , और यह पहले से ही इस शहर के बढ़ते उद्योगीकरण के कारण प्रादुषित थी लेकिन अब तेल के रिसाव के कारण करीब 12km तक इस नदी में डीजल फैल चुका है ।

3. कैसे हुआ तेल का रिसाव :-

- तेल का रिसाव "permafrost melting" के कारण हुआ है ।
- permafrost का मतलब होता है ऐसा ग्राउंड या जमीनी क्षेत्र जो कम से कम पिछले 3 से 4 साल से बर्फ से पूरी तरह जमा हुआ है और किसी प्रकार से बर्फ वहां नही पिघली है । रूस में 55% तक क्षेत्र ऐसे ही है ।

- रूस में तेल को इसी "permafrost ground" के ऊपर टैंक बनाके स्टोर किया जाता था , और यह बर्फ पिघल गयी और इससे तेल का रिसाव हो गया और तेल बहता हुआ नदी में पहुच गया और करीब 12km तक नदी में फैल गया और नदी का रंग लाल हो गया है ।

4. कैसे इसे ठीक किया जा सकता है और कितना नुकसान झेलना पड़ेगा :-

- या तो पानी की सतह वाले तेल को जलाया जाए ,लेकिन जलाने से कुछ और नुकसान भी हो सकते है , या फिर reagent , मतलब रासायनिक क्रिया उत्‍पन्‍न करने वाला पदार्थ , का इस्तेमाल करके तेल को इसमे घोलके निकाला जाए , लेकिन यह रास्ता भी आसान नही है ।

- बताया जा रहा है के इस नदी को साफ करने के लिए अरबो रुपये खर्च होंगे , और इसकी सफाई में कम से कम 8 से 10 साल लग जाएंगे ।

- इसके अलावा आस पास के लोग जो मछलीपालन पे निर्भर करते है उनकी आजीविका को नुकसान पहुचा है ।
- तेल रिसाव के कारण जलीय जीव जंतु की भी मृत्यु हुई है और आने वाले लंबे समय तक यहाँ कोई जलीय जीव का पनपना बहुत कठिन है ।
NOTE:- 2017 में आर्कटिक कॉउन्सिल नामक संस्था ने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमे उन्होंने कहा था के वैश्विक तपन (global warming) के कारण अधिक मात्रा में बर्फ पिघल रही है और इसके "permafrost melting" अधिक होगी ।

Stayhome#like#share#current affairs by ajit singh