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भारत और डेनमार्क के बीच बिजली क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता :-

- ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार और डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोगी सेवाओं और जलवायु मामलों के मंत्रालय के बीच MoU (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर 05 जून 2020 को किये गये.

- सहमति पत्र पर भारत की तरफ से बिजली सचिव संजीव नंदन सहाय और डेनमार्क की तरफ से यहां डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने ने हस्ताक्षर किये.

- विस्तार से :-

1. समझौते का मकसद :-

- इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच परस्पर लाभ के आधार पर बिजली क्षेत्र में एक मजबूत और दीर्घकालीन सहयोग विकसित करना है.

- यह समझौता भारत सरकार ने अपने देश मे नवीनीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाने के लिए किया है ।

2. क्या होती है नवीनीकरणीय ऊर्जा :-

- यह ऐसी ऊर्जा है जो प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है। इसमें सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, पवन, ज्वार, जल और बायोमास के विभिन्न प्रकारों को शामिल किया जाता है।

- उल्लेखनीय है कि यह कभी भी समाप्त नहीं हो सकती है और इसे लगातार नवीनीकृत किया जाता है।

- नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन, ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों (जो कि दुनिया के काफी सीमित क्षेत्र में मौजूद हैं) की अपेक्षा काफी विस्तृत भू-भाग में फैले हुए हैं और ये सभी देशों को काफी आसानी हो उपलब्ध हो सकते हैं।

- ये न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि इनके साथ कई प्रकार के आर्थिक लाभ भी जुड़े होते हैं।

3. डेनमार्क से ही समझौता क्यों :-

- वैसे तो Iceland ऐसा देश है दुनिया मे जो पूरी 100 प्रतिशत बिजली का उत्पादन नवीनीकरण ऊर्जा स्रोत से प्राप्त करता है ।

- लेकिन 2020 तक आते आते डेनमार्क भी अब 50% से ज्यादा बिजली का उत्पादन अपने देश में इन्ही नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों से कर रहा है ,जिससे कि न के बराबर प्रदूषण होता है ।

-अब भारत मे कुल बिजली उत्पादन का 17 से 20% तक ही नवीनीकरण ऊर्जा के स्रोतों से होता है ,और अब भारत इसको 2030 तक 40% तक बढ़ाना चाहता है ,इसलिए डेनमार्क के साथ हम समझौता करके भारत मे नई तकनीक से इस क्षेत्र को बढ़ावा देंगे ।

4. डेनमार्क के बारे में सामान्य जानकारी :-

- डेनमार्क उत्तरी यूरोप में स्थित एक देश है। इसकी भूसीमा केवल जर्मनी से मिलती है, जबकी उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर इसे स्वीडन से अलग करते हैं।
- राजधानी - कोपेनहेगन ।
- जनसंख्या - लगभग 60 लाख ।
- प्रधान मंत्री - Mette Frederiksen.

5. समझौते से संबंधित मुख्य बिंदु :-

- समझौते में अपतटीय पवन ऊर्जा, दीर्घकालीन ऊर्जा नियोजन, ग्रिड में लचीलापन, बिजली खरीद समझौते में लचीलापन आदि जैसे क्षेत्रों सहयोग की बात कही गयी है.

- इन क्षेत्रों में डेनमार्क के साथ सहयोग से देश के बिजली बाजार को लभ होगा. भारतीय ऊर्जा बाजार को डेनमार्क के साथ सहयोग से फायदा होगा.

- इन पहचाने गये क्षेत्रों में सहयोग को हकीकत में बदलने के लिये एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा.

- इस समूह की सह-अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे और वे दोनों तरफ से सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को रिपोर्ट करेंगे.

6. भारत और डेनमार्क संबंध :-

- भारत और डेनमार्क के बीच संबंध बहुत ही मधुर है.

- डेनमार्क भारत के प्रमुख व्‍यापार भागीदारों में से एक है. डेनमार्क से भारत को होने वाले प्रमुख आयातों में औषधीय/फार्मास्‍यूटिकल वस्‍तुएं, विद्युत उत्‍पादन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, धातु खनिज, ऑर्गेनिक रसायन आदि शामिल हैं.

- भारत से डेनमार्क को होने वाले निर्यात में सिलेसिलाए कपड़े, वस्‍त्र/फेब्रिक यार्न, सड़क वाहन और घटक, धातु की वस्‍तुएं, लोहा और स्‍टील, जूते और यात्रा वस्‍तुएं शामिल हैं.

- दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ावा देने और समु्द्रीय क्षेत्र में सहयोग और समन्‍वय सुनिश्चित करने के लिए डेनमार्क के साथ द्विपक्षीय समझौता करने का प्रस्‍ताव किया गया है.

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