कीर्तिस्तंभ चितौड़गढ़
दुनिया में इससे खूबसूरत शायद ही कोई और स्तंभ हों ।
राणा कुम्भा ने यही पर महमूद खिलजी को हराया था ।
कौन थे राणा कुम्भा...?
राणा कुम्भा को कुम्भकरण और कँहू राणा कुम्भा के नाम से भी जाना जाता है. उनका जन्म चितौड़ के राजा राणा मोकल के घर में हुआ था. चूंकि उनके पिता एक प्रतापी राजा थे इस लिहाज से वीरता उन्हें विरासत में ही मिल गयी थी. आगे 1431 ई. में उनके पिता की मृत्यु हो गई, तो 1433 में वह मेवाड़ की गद्दी पर बैठे और सबसे पहले अपने दुश्मन देवड़ा चौहानों को हराकर आबू पर अपना कब्जा जमाया.
इसके बाद वह मालवा की तरफ आगे बढ़े और सुलतान महमूद खिलजी को बुरी तरह से हार का स्वाद चखाया. अपनी इस जीत को यादगार बनाने के लिए उन्होंने चित्तौड़ में एक कीर्तिस्तंभ बनवाया, जोकि बहुत विख्यात है.
आगे भी उनकी जीत का सिलसिला चलता रहा ।
कृपया शेयर जरुर करें भारतीय संस्कृति से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराये