#विशेष - यह तस्वीर सेकुलर भारत में हमलों का सामना कर रहे हिंदू धर्म का प्रतीक है। ये लोग त्रावणकोर राजपरिवार केरल के सदस्य हैं, ये राजकुमार आदित्य वर्मा थामुपुरन है रोते हुए इन्होने अपनी मां को गले लगा लिया है ।
जो पद्मनाभस्वामी मंदिर पर अपना अधिकार वापस मिलने की ख़ुशी में रो पड़े।
यह मंदिर कभी इस इलाक़े की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का स्त्रोत हुआ करता था।
पहले मुग़लों और अंग्रेजों के हमलों से बच गए, लेकिन आज़ादी के बाद अपने ही देश की सेकुलर सरकारों ने नोचना शुरू कर दिया।
2011 में मंदिर इनसे छीन लिया गया, सरकारी प्रतिनिधि बनाकर विधर्मियों को घुसाया गया, सबकी नज़र मंदिर के ख़ज़ाने पर थी।
अनुमान है कि लगभग 200 करोड़ का सोना अब तक चोरी हो चुका है। जो बाक़ी बचा है उस पर भी केरल की कांग्रेस और वामपंथी सरकारों की गिद्धदृष्टि लगी हुई है। मंदिर के कई हिस्से मरम्मत के नाम पर तोड़ दिए गए।
मंदिर की अर्थव्यवस्था से जुड़े लाखों-करोड़ों हिंदू अब छिटक चुके हैं।
उन्हें एक बोरी चावल देकर धर्म परिवर्तन करवाकर ईसाई और मुस्लिम बनाया जा रहा है। केरल मे 1947 जो 93% हिन्दू आबादी थी वो आज 55% ही रह गई है आखिर कहा चले गए सबको धर्म परिवर्तन ही करवाया गया है आप सब जानते है इसमे कौनसी सरकारो की सहमती रही है।
आज़ादी के बाद हमें यही मिला है। हिंदुओं का लगभग हर मंदिर सरकारों द्वारा लूटा जा रहा है।
हिंदुओं का करोड़ों का चढ़ावा सेकुलरिज्म के नाम पर मस्जिदों और चर्च के खाते में जा रहा है।
ऊपर से हमें ऊँच-नीच, उत्तर-दक्षिण, आर्य-द्रविड़ में बाँटकर कमजोर करने की साज़िशें हर दिन चल रही हैं।
आज एक छोटी सी जीत मिली है। विश्वास है कि यह महान हिंद स्वराज का शिवाजी का सपना पूरा करने में मील का पत्थर साबित होगी।