एक बार एक वकील जमानत के केस में बहस कर थे ! जज साहब ने पूंछा कि क्या आरोप है इन पर !
कलीग वकील के मुंह से निकल गया कि " अभियुक्त पास "अमेरिका मेड पिस्टल " मिलने का आरोप है आर्म्स एक्ट में "
अमेरिकन पिस्टल ?? नहीं जमानत नहीं दी जा सकती ! पड़ा रहने दो जेल में !
पंद्रह दिन बाद फिर वही केस लगा ..!
इस बार वकील सतर्क थे..एक एक शब्दों को ध्यान चुनते हुये कहा कि " धारा 25 आर्मस् एक्ट के तहत आरोप लगाया गया है..कोई तमंचा रिकवरी हैं ....." Procedure has not been followed ..!!?
जमानत की अर्जॊ स्वीकृत हो ययी !!
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शब्दों के हेरे फेर से ..प्रसंग या घटनाओं की गंभीरता को को परिवर्तित कर दिया जाता हैं !
पोटास मिश्रित पटाखॆ ..जो दबाब में फूटते थे वो बहुत पहले ही बैन कर दिये गये है। वर्तमान में जो भी पटाखे आते हैं ..वो दबाब से नहीं फटते हैं !
उसमें बारूद होती हैं ....और एक पलीता बाहर निकला रहता हैं ...जिसमें बाहर से आग लगाने पर ही पटाखा फटता हैं ! और ऐसे दबाब से केवल बारूद नहीं फटती कि हाथी की सूड़ ब जिभ्या को उड़ा दे ??
जो पटाखा स्वयं दबाब से फटता हैं वो फटाख नहीं घातक बम् ( Bomb ) होता हैं ! बारूद में जब कोई ऐसे चीज मिलाया जाता हैं जो ..आपस मे रगड़ने पर चिंगारी पैदा करती हैं तभी ..दबाव से फटने वाला बम बनता हैं !
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जब एक गर्भणी हथनी के मुंह में बम फटने से उसकी मौत हो गयी तो ...और उसकी मौत का समाचार बाहर आ गया तो ..उस हथनी के मौत गंभीरता को कम करने के लिये शब्दो का चयन सोंच समझ कर किया जाने लगा !! पटाखॆ से हथनी की मौत !!
क्या होता जब ..'पटाखे 'शब्द की जगह 'बम' शब्द का प्रयोग किया जाता ???
#हाथी_के_अंगो_की_तस्करी_करने वालो की करतूत तो नहीं है ??????