सिंह मनोज's Album: Wall Photos

Photo 48 of 518 in Wall Photos

गुजरात की लेडी चिंगम को भूले तो नही होंगे आप। सुनीता यादव.... जी हां, वही जिसने गुजरात के स्वास्थ्यमंत्री के बेटे और उसके दोस्त को गालियां बकी थी और रातोरात जिसे हमारी मीडिया ने पूरी जानकारी लिए बगैर स्टार बनने में कोई कसर नही छोड़ी।
अब उस लेडी चिंगम का पूरा कच्चा चिट्ठा सामने आ चुका है।

फ़र्जी लेडी चिंगम का कच्चाचिट्ठा

अब पता यह चला फर्जी लेडी सिंघम के ड्रामे के पीछे स्क्रिप्ट राइटर आम आदमी पार्टी है जिसे सूरत में एक ऐसा चेहरा चाहिए था जिसे दिखाकर वह गुजरात के युवाओं में आम आदमी पार्टी की छवि बना सकें

मंत्री कुमार भाई कानानी के बेटे के दोस्त के पिता थे जो हॉस्पिटल में भर्ती थे और उनका लड़का और उस हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का बेटा हर रोज रात को 11:00 बजे हॉस्पिटल छोड़ने जाते थे

दरअसल दो भाई थे दोनों भाई की हॉस्पिटल में दिन और रात की ड्यूटी लगी थी
यह फर्जी कांस्टेबल सुनीता को अच्छी तरह पता था कि यह कुमार भाई कानानी का लड़का है क्योंकि कुछ दिन पहले ही कुमार भाई अपने लड़के के साथ कोबिड में लगे पुलिस कर्मचारियों को कुछ चीजें बांटने के लिए वाराछा पुलिस स्टेशन में गए थे जहां सुनीता पोस्टेड थी

और कुमार भाई कानानी कोई ऐसे आदमी नहीं है जिन्हें वराछा एरिया के लोग ना जानते हो क्योंकि उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पहले कॉरपोरेटर से कि फिर वह कॉरपोरेटर से सूरत के मेयर बने फिर वह पिछली विधानसभा में विधायक थे और इस बार वह मंत्री बने मतलब एक जमीनी लेवल से संघर्ष करके वह मंत्री बने हैं।
यह लेडी चिंगम आम आदमी पार्टी के सम्पर्क में कैसे आई यह यहां बताना आवश्यक नही है।

फिर आम आदमी पार्टी ने सुनीता को ही यह आईडिया दिया कल रात जब वह मंत्री कुमार भाई के बेटे और उनका दोस्त इधर से गुजरे तब तो इस तरह की पूरी नौटंकी करो बकायदा कैमरे पर करो और सुनीता ने उनके स्क्रिप्ट के अनुसार पूरी नौटंकी की लेकिन अफसोस सुनीता यह भूल गई जिनके घर शीशे के होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते

सोचिए प्लानिंग कितनी जोरदार थी

इस तरह की नौटंकी करने के बाद सुनीता को पूरी मीडिया ले जाकर कैमरे के सामने इस्तीफा देना था और इस्तीफा देने के बाद बकायदा आम आदमी पार्टी में शामिल होना था

जिन मित्रों को गुजरात के पुलिस व्यवस्था की जानकारी होगी उन्हें पता होगा लोक रक्षक 5 सालों तक एक फिक्स सैलरी पर काम करता है जो इस वक्त ₹19000 है फिर 5 साल के बाद उसे पुलिस कांस्टेबल बना दिया जाता है फिर उसे पुलिस कांस्टेबल का ग्रेड पे और अन्य भत्ते लागू हो जाते हैं

और लोक रक्षक दल का कोई भी जवान पुलिस कमिश्नर को इस्तीफा नहीं देता यदि कोई लोक रक्षक दल का जवान इस्तीफा देना चाहता है तब वह जिस थाने में पोस्टेड है उस थाने के थाना इंचार्ज को ही इस्तीफा देता है

सुनीता ने सारे मीडिया कर्मियों को फोन किया कि आप इतने बजे पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आइए और वह कैमरे के सामने इस्तीफा देने की नौटंकी करने वाली थी लेकिन जब उसे पता चला कि पुलिस कमिश्नर को इस्तीफा नहीं दिया जाता तब वह मायूस होकर वापस आ गई और इसी बीच सोशल मीडिया पर उसके सारे कारनामों की पोल खुल गई

12 घंटे तक तो सुनीता पूरे भारत में सिंघम बनी रहे लेकिन जैसे ही उसके कुकर्म सामने आए वह अब चिंगम बन गई स्क्रिप्ट राइटर ने तो बहुत मेहनत की थी बहुत दिमाग लगाया था लेकिन उसने पात्र गलत चुन लिया था।