Ranjeet Rai's Album: Wall Photos

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मैंने बहुत पहले लिखा था और आज भी लिख रहा हूं कि भारतीय मीडिया विश्व की सबसे नीच और घटिया असल कहे तो भांड मीडिया है,भारतीय मीडिया जिसे भी हीरो की तरह पेश करें आप तुरंत सतर्क हो जाइए कि कोई बहुत बड़ा वाला झोल मिलेगा,आपको याद होगा हिसार में उन दो बहनों को जिन्होंने बस में एक युवक को बुरी तरह से मारा था उन बहनों को भी तुरन्त ही भारतीय मीडिया ने हीरो बनाया था और बाद में पता चला कि वह दोनों युवक एक बुजुर्ग महिला को बस में सीट देने के लिए खुद खड़े हो गए और उस सीट पर उन दोनों लड़कियां बैठ गई तब उन युवकों ने कहा कि हमने यह सीट इन बुजुर्ग महिला के लिए खाली की है उसके बाद उन बहनों ने मोबाइल निकाल कर कैमरा चालू किया और कैमरे के सामने उन युवकों को मारा जो कि वह युवक जो सैनिक भर्ती कार्यक्रम में शामिल होने हिसार गए थे वह चुपचाप मार खाते रहे क्योंकि उन्होंने महिलाओं पर हाथ उठाना उचित नहीं समझा और उस मीडिया ने रातों-रात उन्हें हीरो बना दिया,बाद में जब बस के ड्राइवर कंडक्टर और उन बुजुर्ग महिलाओं का बयान सामने आया तब पूरी कहानी की पोल खुल गई लेकिन एबीपी न्यूज़ से लेकर आज तक और सारे चैनल उन लड़कियों को बुलाकर उनका इस तरह से महिमामंडन कर रहे थे जैसे वह कोई बहुत बड़ी नायिका हो...!
उसी तरह से आम आदमी झंडू पार्टी की एक सदस्य जसलीन कौर जिसमें ट्रैफिक सिग्नल पर एक सिख युवक पर आरोप लगा दिया उस युवक ने उसके साथ छेड़खानी की है जबकि सीसीटीवी फुटेज और वहां मौजूद दूसरे लोगों ने इस बात से इनकार किया था उस लड़की को कंजरवाल ने अपने ऑफिस में बुलाकर सम्मानित किया और उसे पांच लाख रुपए इनाम दिया रातो रात की मीडिया में हीरो बन गई लेकिन पिछली बारह सुनवाई में कोर्ट द्वारा बार-बार सम्मन भेजे जाने के बावजूद भी वह लड़की कोर्ट में नहीं आती लेकिन हीरो बनने के चक्कर में उसने एक नौजवान सिख युवक की जिंदगी बर्बाद कर दी...!
इसी तरह से मीडिया ने दाल बहादुर को भी हीरो बनाया था उस दाल बहादुर को जिसे दाल मखनी दाल फ्राई और शाही दाल खाकर ड्यूटी करनी थी बाद में पता चला कि उस दाल बहादुर को बढ़िया सब्जी भी मिली थी लेकिन उसने सब्जी छुपाकर सिर्फ दाल दिखा कर वीडियो बनाया था,किसी भी मीडिया वाले ने उससे यह सवाल नहीं किया कि भाई साहब सियाचिन में माइनस सिक्सटी डिग्री टेंपरेचर में जवान ड्यूटी करते हैं जिन्हें खाने का कोई स्वाद नहीं मिलता एक बार कच्छ के दूरदराज क्षेत्र में जाकर दाल बहादुर देख लेता कि वहां फिफ्टी डिग्री जलते रेगिस्तान में किस तरह से भारतीय सेना के जवान ड्यूटी करते हैं जहां जंगली सांप जंगली बिच्छू का हमेशा खतरा रहता है उसे भी मीडिया ने हीरो बना दिया था और बाद में जब दूसरे जवानों का बयान आया कि हमें उस दिन दाल के साथ-साथ दो तरह की सब्जी भी दी गई थी तब जाकर दाल बहादुर की पोल खुल गई थी...इसलिए जब भी भारतीय मीडिया किसी को नायक की तरह पेश करें तब आप कम से कम चौबीस घंटे रुक जाइए बाद इसके आप धोने पिछोडने की परियोजना को किर्यावन्तित कीजिये...जो दिखाने की खुलासे है ये भांड मीडिया कभी नही दिखायेगा...खैर चलो इनके पेटीकोट के नाड़े काट में नंगा करता हु खुलासे के साथ...में बनाता हूँ हीरो इनकी चा महन को बोदू...इनकी सिलाई में उधेड़ता हु थुककला मुहम्मद युनुस इंदिरा उर्फ़ मेमुना बेगम का दूसरा पति संजय गाँधी का पिता था यह इंदिरा का गुप्त निकाह था...जब संजय गांधी को इसका पता चला तो उसने अपनी माँ इन्दिरा के मुँह पर कांग्रेस का चिह्न बना दिया था,संजय और मेनका की शादी के समय ससुर का रोल भी यूनुस ने अदा किया था और अड़ गया था कि बारात मेरे घर से निकलेगी,यही मुहम्मद युनुस था जो संजय गाँधी की लाश पर छाती पीटकर रो रहा था,जब सफदरजंग एयरपोर्ट पर उसका छोटा जहाज क्रेश करवाया गया था...!
मुहम्मद युनुस वही है जिसने अपनी पुस्तक Persons Passions and Politics में लिखा है कि "मैं संजय गाँधी का बाप हूँ और मैंने उसका खतना करवाया था"
कश्मीरी पंडितों के कत्ल राजीव ने करवा अपने भाई आदिल शहरयार को बचाने के लिये जो सोदा हुआ था...उसी मुहम्मद युनुस का बेटा था आदिल शहरयार...यानि इन्दिरा का तीसरा बेटा जो अमेरिका में ड्रग्स और हथियार की तस्करी के आरोप में पेंतीस वर्ष की सजा पाकर जेल में बंद था उसी आदिल शहरयार को इंदिरा के वध के बाद राजीव फर्जी गाँधी की सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति से क्षमादान दिलाने का प्रयास किया पर नहीं मिली रोनाल्ड रीगन ने क्षमादान नहीं दिया...इसी बीच भोपाल गैस कांड हो गया...एंडरसन भोपाल आया...उसे अर्जुन सिंह ने कैद करवा लिया...राजीव फर्जी गाँधी ने अपने भाई आदिल शहरयार का अमेरिका से सौदा किया...हिंदुओं की लाशों का सौदा किया गया...इस नीच जेहादी छद्म मियाँ नेहरू खानदान ने अपने तीसरे भाई आदिल शहरयार को अमेरिका से छुड़वा लिया और एंडरसन को रातो रात भगा दिया...उसके बाद सुषमा स्वराज ने संसद में आदिल शहरयार के बारे में बहस की चुनौती रखकर कांडग्रेसियों की बोलती बंद कर दी थी जब वे उन पर ललित मोदी भगाने का आरोप लगा रहे थे...चलते चलते ये भांड मीडिया तो अमिताभ भड़वे ने कितने बार पादा इसी में खबर बनाने पर नमाजियों की तरह पिछवाड़ा ऊपर नीचे करने में मशगूल है...तो लीजिये नकली फर्जी गाँधीयो का एक और महान कारनामा...ईमानदार फर्जी गांधी परिवार के हज़ारों करोड़ के १९७५/७६ में दिल्ली के सबसे महंगे इलाके में कांdग्रेस पार्टी का मुख्यालय बनाने के लिए ९५ हज़ार वर्गफुट सरकारी जमीन दी गयी,मुख्यालय कभी बना ही नहीं १९९५ में जमीन का चालिश प्रतिशत हिस्सा राजीव नकली गांधी फाउंडेशन को दे दिया गया और २०१४ में सत्ता से विदाई के केवल दस दिन पहले छह मई २०१४ को पूरी जमीन राजीव गांधी फाउंडेशन को दे दी गई किराये पर उठाने के अधिकार के साथ,यह कारनामा यूपीए सरकार का तत्कालीन शहरी विकास मंत्री गट्ठरनाथ कर के गया था,रेल भवन के पास जिस डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद मार्ग पर यह ९५ हज़ार वर्गफुट भूमि का यह टुकड़ा स्थित हैं वहां भूमि की क़ीमत कई लाख रुपये प्रति वर्गफुट बतायी जा रही है अर्थात्‌ राजीव फर्जी गांधी फाउंडेशन को जो ९५ हज़ार वर्गफुट भूमि दी गयी उसकी क़ीमत कई हजार करोड़ रुपये है इतनी क़ीमती जमीन पर बने भवन के किराये से कितनी मोटी रकम हर महीने आती होगी इसका अनुमान स्वयं लगा लीजिए हम सब और पूरा देश यह सच भी भलीभांति जानता है कि राजीव नकली गांधी फाउंडेशन के "माई बाप" "कर्ताधर्ता" मां बेटा बेटी ही हैं...पांच हजार करोड़ की नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति के मामले के बाद आज उजागर हुए राजीव नकली गांधी फाउंडेशन को मिली हजारों करोड़ की जमीन की सरकारी खैरात इस बात का ठोस सबूत है कि वास्तव में कितना सदाचारी परिवार है फर्जी गांधी परिवार और कितनी ईमानदारी के साथ देश की सेवा करता रहा है कहने का मतलब ये है जिस जमीन पर राजीव फर्जी गांधी फाउंडेशन का दफ्तर है उस दो एकड जमीन का आज तक कभी किराया ही नही दिया...ये खबर दिखाने में इस भांड मीडिया की अम्मी आपी जो नंगी हो जाती...दोस्तो मारे तब भी जाओगे जब चुप रहोगे,मारे तब भी जाओगे जब बोलोगे,मारे तब भी जाओगे जब भागोगे,मारे तब भी जाओगे जब लड़ोगे...तो लड़ कर मरो ना...बोल कर मरो ना अकारण मित्र सूची में धरती पर बोझ क्यो बने बैठे हो...???