योगीजी के खिलाफ विपक्ष का ये एक नैरेटिव चलाया हुआ है कि प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या हो रही है, ब्राह्मण को ही टारगेट बनाया जा रहा है
ये एक पुराना अस्त्र है जो कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सालो से चलता आया है
आज तक उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु ही जातिय समीकरण रहा है।
सरकार किसी की भी बनी हो वो सिर्फ जातिवाद के समर्थन से बनी है अब तक
इस समीकरण को तोड़ कर अलग सरकार बनाई भाजपा ने और काम भी ऐसा किया योगीजी ने की उनके दुबारा 2022 में फिर से आने के प्रबल चांस है तो बस यही एक मुद्दा है जिस से वोट बैंक को तोड़ा जाए
ब्राह्मण को क्षत्रिय के विरुद्ध करो क्षत्रिय को को दलित के विरुद्ध, दलित को हिन्दुओ के विरुद्ध और अपना काम निकालो
आंकड़ो पर ध्यान दे अगर तो मौते हर जाति वालो की हुई है लेकिन शोर एक जाति का नाम ले के किया जा रहा है
खुद सोचे कोई हत्यारा कभी किसी को जाती देख के मारेगा क्या?
और एक बात योगीजी ने सरकार बदली है पुलिस, अधिकारी, अफसर, ब्यूरोक्रेसी नही वे सब अब भी वही पुराने लोग है जिन्हें भ्र्ष्टाचार की आदत लगी हुई है तो इनको लाइन में लाने में अभी बहुत वक्त लगेगा।
आप पहले का UP देखे और अब का UP आपको फर्क नजर आएगा बस।
विपक्ष की 2022 की तैयारी में साथ न दे बस योगीजी के साथ खड़े रहे क्योंकि हिन्दू धर्म मे भी कहा गया है
जाति न देखो संत की
तो संत भी किसी की जाति नही देख रहा है।