माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार
माँ अंजनी के लाल, सुनले ना मेरी पुकार
हो जायें भव से पार हम पे कृपा जो तेरी हो॥
माँ अंजनी के...॥
दरबार तेरा पावन, लगती है शोभा प्यारी।
महिमा तेरी है निराली जाने दुनिया सारी।
तेरी भक्ति से, तेरी शक्ति से
मिट जाते सब जंजाल ॥ १ ॥
माँ अंजनी के...
। तेरी कितनी करूँ बड़ाई, रामचन्द्र के बने सहाई ।
लाके संजीवन बूँटी, लक्ष्मण की जान बचाई।
भीड़ पड़े जब, भक्तां पे तब
तू संकट देता सब टाल॥२॥
माँ अंजनी के...॥
ओ सालासर के राजा, सारो सबके काजा।
शरण में पड़ा हूँ तेरी, मेरी बिगड़ी बनाजा।
विनती सुनले, 'खेदड़' की
दुःखाँ से गया हूँ हार ॥३॥
माँ अंजनी के...॥
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय जय श्री हनुमान