Pt Anil Katiha 's Album: Wall Photos

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Ajit Ajitabh जी की वाल से साभार।।

#हिन्दू_हों_तो_शेयर_करना_ना_भुलना

मध्य युग में सम्पूर्ण यूरोप पर राज करने वाला
#रोम (इटली) नष्ट होने के कगार पे आ गया।
मध्य पूर्व को अपने कदमो से पददलित करने वाला
#ओस्मानिया साम्राज्य (ईरान, टर्की) अब घुटनो के बल हैं।
जिनके साम्राज्य का सूर्य कभी अस्त नहीं होता था,
उस #ब्रिटिश साम्राज्य के उत्तराधिकारी बर्किंघम महल में कैद हैं,
जो स्वयं को आधुनिक युग की सबसे बड़ी शक्ति समझते थे
उस #रूस की सीमा बन्द है।
जिनके एक इशारे पर दुनिया के नक़्शे बदल जाते हैं, जो पूरी दुनिया का अघोषित चौधरी हैं,
उस #अमेरिका में लॉक डाउन है।
और, जो आने वाले समय में सबको निगल जाना चाहते थे,
वो #चीन आज मुँह छिपाता फिर रहा है और सबकी गालियाँ खा रहा है।
एक छोटे से परजीवी ने विश्व को घुटनो पर ला दिया है।
न एटम बम काम आ रहे न तेल के कुँए...
मानव का सारा विकास एक छोटे से
#विषाणु से सामना नहीं कर पा रहा।..
क्या हुआ ???... निकल गयी हेकड़ी ???
बस इतना ही कमाया था आपने इतने वर्षों में कि एक छोटे से जीव ने घरों में कैद कर दिया...
विश्व के सब देश आशा भरी नज़रो से देख रहे हैं हमारे देश #भारत की तरफ,
उस भारत की ओर जिसका # सदियों तक
अपमान करते रहे, लूटते रहे।
एक मामूली से जीव ने आपको आपकी औकात बता दी।।
भारत जानता है कि #युद्ध अभी शुरू हुआ है जैसे जैसे #ग्लोबल_वार्मिंग बढ़ेगी, # ग्लेशियरो की बर्फ पिघलेगी, और आज़ाद होंगे लाखों वर्षो से बर्फ की चादर में कैद #दानवीय_विषाणु ,
जिनका न आपको परिचय है और न लड़ने की कोई तैयारी।...
ये #कोरोना तो झाँकी है... #चेतावनी अभी है।...
उस आने वाली विपदा की, जिसे आपने जन्म दिया है।
क्या आप जानते हैं, इस आपदा से लड़ने का तरीका कहाँ छुपा है ???
तक्षशिला के खंडहरो में, नालंदा की राख में,
# शारदा_पीठ के अवशेषों में, # मार्तण्ड मन्दिर के पत्थरों में,,...
सूक्ष्म एवं परजीवियों से मनुष्य का युद्ध नया नहीं है।
ये तो सृष्टि के आरम्भ से अनवरत चल रहा है और सदैव चलता रहेगा।
इस से लड़ने के लिए के लिए हमने हथियार खोज भी लिया था।
मगर आपके अहंकार, आपके लालच, स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध करने की हठ-धर्मिता ने सब नष्ट कर दिया।
क्या चाहिए था आपको ??? #स्वर्ण एवं # रत्नो के भंडार ???
यूँ ही माँग लेते,... #राजा_बलि के वंशज और #कर्ण के अनुयायी आपको यूँ ही दान में दे देते।
सांसारिक वैभव को त्यागकर आंतरिक शांति की खोज करने वाले समाज के लिए वे सब यूँ भी मूल्यहीन ही थे।
ले जाते – मगर आपने ये क्या किया ???
#विश्व_बंधुत्व की बात करने वाले #हिन्दू_समाज को नष्ट कर दिया।
जिस #बर्बर का मन आया वही भारत चला आया।
#जीव में #शिव को देखने वाले समाज को नष्ट करने।
कोई #विश्व_विजेता बनने के लिए #तक्षशिला को तोड़ कर चला गया,
कोई #सोने की चमक में अँधा होकर #सोमनाथ लूट कर ले गया,
कोई #बख़्तियार_ख़िलजी खुद को ऊँचा दिखाने के लिए #नालंदा के पुस्तकालयों के ग्रंथों को जला गया,
किसी ने बर्बरता से #शारदा पीठ को नष्ट कर दिया,
किसी ने अपने #झंडे को ऊँचा दिखाने के लिए #विश्व_कल्याण का केंद्र बने #गुरुकुल_परंपरा को ही नष्ट कर दिया,,
और आज #करुणा भरी निगाहों से देख रहे हैं उसी #पराजित, #अपमानित, पद दलित #भारत_भूमि की ओर – जिसने अभी अभी अपने #घावों_को भरके
#अँगड़ाई लेना आरम्भ किया है।
हम फिर भी उन्हें निराश नहीं करेंगे,
फिर से #माँ_भारती_का_आँचल आपको इस संकट की घड़ी में #छाँव देगा,
#श्री_राम_के_वंशज इस #दानव से भी लड़ लेंगे।
किन्तु...???
किन्तु...???
मार्ग...???...
उन्ही नष्ट हुए #हवन_कुंडो_से निकलेगा।..
जिन्हे कभी आपने अपने पैरों की #ठोकर_से_तोड़ा था।
आपको उसी #नीम_और_पीपल_की_छाँव में आना होगा।..
जिसके लिए आपने हमारा #उपहास किया था।
आपको उसी #गाय_की_महिमा को स्वीकार करना होगा।..
जिसे आपने अपने स्वाद का कारण बना लिया...
उन्ही मंदिरो में जाके #शंखनाद_करना_होगा।...
जिनको कभी आपने तोड़ा था।
उन्ही वेदो को पढ़ना होगा...
जिन्हे कभी अट्टहास करते हुए नष्ट किया था।
उसी चन्दन , तुलसी को मस्तक पर धारण करना होगा।..
जिसके लिए कभी हमारे मस्तक धड़ से अलग किये गए थे।
....ये #प्रकृति_का_न्याय है और आपको स्वीकारना ही होगा ।।


जय श्री राम