"4,52,68,53,00000 रुपए क्या आप इसे पढ़ पा रहे है"।
ये है टिक टॉक का एक झटके में नुक्सान ।
कहावत है भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी शत्रु को वहाँ मारते है जहां भरपूर दाना पानी हो। 1962 को याद कर कर मदमस्त हो रहे चीन को ये सपने में भी आशा नही थी की भारत उसके सैनिको की गर्दन मुर्गियों की तरह मरोड़ने के बाद अपने फौलादी हाथ शि जिन पिंग की गर्दन की तरफ भी बड़ा देगा।
चीन को चौतरफा घेरने के बाद भारत ने चीन की अर्थ व्यवस्था को ध्वस्त करने का साफ्टवेयर लांच कर दिया है जो पब जी की तरह बैठे बैठे ही मोबाइल के "की पेड" से दुश्मन का सर्वनाश करेगा।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में बिना गोला बारूद चीन पर किये गए घातक
भारतीय प्रहार पर लिखा है। चीन के सरकारी अखबार में लिखे गए एक आर्टिकल में बताया गया है कि कैसे टिकटॉक बैन होने के बाद इसकी मातृत्व कंपनी बाइटडांस एक झटके में कई लाख करोड़ गंवाने की कगार पर आ गई है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस को टिकटॉक पर बैन लगने के बाद छह बिलियन डॉलर (4,52,68,53,00000 रुपए ) तक का नुकसान झेलना पड़ा है।
अखबार ग्लोबल टाइम्स की तरफ से आधिकारिक सरकारी ट्विटर हैंडल पर यह खबर पोस्ट की गई है जिसमे साफ़ लिखा गया है की , टिकटॉक की मदरकंपनी का घाटा छह बिलियन डॉलर तक हो सकता है।'
चीन को गलत फहमी थी की भारतीयो के पास कोई चीनी विकल्प नही है और भारतीय इतने बेगैरत है की वे चीनी उत्पादों के बिना जी नही सकते पर स्वाभिमानी भारतीयों ने दिखा दिया की वे आत्म निर्भर है और उनमें हर उस तरह का हुनर है जिसके बल पर वे चीन को पछाड़ सकते है।
Jitendra Jain